हिरासत देने से इनकार! अब रहेंगे अलग सेल में, मिलेगा घर का पका खाना

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष याचिका पेश कर इस पर तत्काल सुनवाई की मांग की। पीठ ने गुरुवार को इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। चिदंबरम ने एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (एआईजी), हैदराबाद में अपने डॉक्टर से परामर्श लेने तथा जांच कराने के लिए छह दिन के वास्ते अंतरिम राहत मांगी है।  

Update:2019-10-30 19:52 IST

नई दिल्ली: स्वास्थ्य कारणों को आधार बनाकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) के लिए मांगी गयी जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होगी। तब-तक वो 13 नवंबर तक तिहाड़ जेल में ही रहेंगे। दिल्ली की अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को चिदंबरम की हिरासत देने से मन भी कर दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि चिदंबरम को अलग सेल में रखा जाय।

बिगड़ते हुए स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम को घर का पका खाना भी देने की सुविधा की है और पश्चिमी शौचालय और दवाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।

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बता दें कि चिदंबरम की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत आज समाप्त हो गई और 74 वर्षीय वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने स्वास्थ्य आधार पर जमानत मांगी है। गौरतलब है कि चिदंबरम को 21 अगस्त को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

तत्काल सुनवाई की मांग

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष याचिका पेश कर इस पर तत्काल सुनवाई की मांग की। पीठ ने गुरुवार को इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। चिदंबरम ने एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (एआईजी), हैदराबाद में अपने डॉक्टर से परामर्श लेने तथा जांच कराने के लिए छह दिन के वास्ते अंतरिम राहत मांगी है।

उन्होंने दावा किया कि उन्हें क्रोहन रोग के कारण पांच अक्टूबर से लगातार तेज पेट दर्द हो रहा है जिसके लिए उन्हें 'फौरन इलाज' की जरूरत है। उन्हें 2017 में क्रोहन रोग होने का पता चला था जिसमें आंतों में सूजन आ जाती है जिससे पेट में दर्द, दस्त और वजन कम हो जाता है।

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उनकी जमानत याचिका के अनुसार, 7 अक्टूबर को उनकी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जांच की गई और उन्हें एंटीबायोटिक और दर्द खत्म करने की दवाएं दी गई जिसके बाद उनका पेट दर्द कम है। याचिका में कहा गया है कि इसके बाद 22 अक्टूबर को उन्हें फिर से दर्द हुआ और 23 अक्टूबर को एम्स में इलाज किया गया तथा उन्हें नयी दवाएं दी गई। लेकिन उन्हें दर्द से कोई राहत नहीं मिली। फिर 24 और 26 अक्टूबर को दोबारा उनकी जांच की गई और 28 अक्टूबर को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में टेस्ट किए गए।

CBI ने सुप्रीम कोर्ट में कहा-

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याचिका में कहा गया है कि मेडिकल टेस्ट के बाद चिदंबरम को अगले 16 हफ्तों के लिए स्टेरॉयड इलाज के लिए कहा गया और चूंकि एम्स के इलाज से उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं आ रहा था तो उन्हें एआईजी में अपने नियमित डॉक्टर से इलाज कराने की अनुमति दी जाए।

इसमें कहा गया है कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट को ई-मेल के जरिए उनके डॉक्टर के पास भेजा गया और डॉक्टर ने बताया कि सूजन बढ़ गई है तथा चिदंबरम को जीवाणु रहित माहौल में इलाज की फौरन जरूरत है।

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बीमारी के चलते उनका वजन 73.5 किलोग्राम से घटकर 66 किग्रा हो गया

अर्जी में कहा गया है कि इस बीमारी के चलते उनका वजन 73.5 किलोग्राम से घटकर 66 किग्रा हो गया है। चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में अपनी मुख्य जमानत याचिका के जरिए ही अंतरिम राहत की याचिका दायर की। इस मामले में वह अभी प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं।

नियमित जमानत की उनकी अर्जी पर चार नवंबर को सुनवाई होनी है। 74 वर्षीय चिदंबरम को मामले में उनकी प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत अवधि खत्म होने पर बुधवार को निचली अदालत के समक्ष पेश किया गया।

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