पार्थसारथी
अटारी : पाकिस्तान हर मोर्चे पर पैंतरा बदलने में माहिर है। चाहे वह सीजफायर का उल्लंघन हो, विवादित मुद्दे हो, आतंकवाद हो या फिर व्यापारिक संबंध। उसकी इस आदत से न केवल कश्मीरी अवाम, सरकार व भारतीय सुरक्षा एजेंसिया परेशान हैं बल्कि देश का व्यापारी वर्ग व किसान भी परेशान है। खास कर वह व्यापारी वर्ग जो पाकिस्तान के साथ इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का कारोबार करते हैं।
पिछले दिनों पाकिस्तान ने भारतीय व्यापारियों से टमाटर की मांग की। जब भारतीय व्यापारियों ने किसानों से टमाटर लेकर अटारी बार्डर स्थित आइसीपी से टमाटर का सैंपल पाकिस्तानी अधिकारियों के पास जांच के लिए भेजा तो उन्होंने यह कहते हुए टमाटर के सैंपल फेल कर दिए कि इसमें डंडी नहीं। इसलिए इसे पाकिस्तान नहीं भेजा जा सकता। पाकिस्तान की इस बेतुकी आपत्ति ने भारतीय व्यापारियों को मुशिल में डाल दिया है। व्यापारियों का कहना है कि वह पाकिस्तान की डीमांड पर किसानों से टमाटर खरीद कर अपने यहां स्टॉक कर रखा है। और ज्वाइंट चेकपोस्ट पर टमाटरों से भरे ट्रक इंतजार में पाकिस्तान जाने के लिए खड़े हैं।
इंडोपाक चेंबर्स आफ कॉमर्स के पदाधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान के लिए यह कोई नई बात नहीं है। उसके रोज नए पैतरे से भारतीय व्यापारी वर्ग परेशान रहता है। भारत सरकार को भी पाकिस्तान के साथ व्यापार को लेकर बनाई गई नीतियों में संशोधन करना चाहिए।
डाईफ्रूट एंड किराना एसोशिएशन के अधिकारियों का भी कहना है कि यह सीजन डईफ्रूट्स का है और इसमें कई बार पाकिस्तान अडंग़ा लगा चुका है। इस वजह से अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आने वाले ड्राई फ्रूट के ट्रक समय पर आईपीसी अटारी पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। यही नहीं सीमेंट व जिस्पम के कारोबार से जुड़े व्यापारी भी पाकिस्तान के ना नुकुर वाले रवैये से परेशान है। उनका कहना है भारत सरकार व वाणिज्य विभाग पाकिस्तान से आने वाले वस्तुओं पर उतनी नुक्ताचीनी नहीं करता जितना कि पाकिस्तान करता रहता है।