फिलस्तीन के गांधीवादी Ziad Medoukh को जमनालाल बजाज पुरस्कार
फिलस्तीन के प्रख्यात गांधीवादी जियाद मेडौख को इस वर्ष का प्रतिष्ठित जमनालाल बजाज अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाने की घोषणा शनिवार को की गई।
मुंबई : फिलस्तीन के प्रख्यात गांधीवादी जियाद मेडौख को इस वर्ष का प्रतिष्ठित जमनालाल बजाज अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाने की घोषणा शनिवार को की गई। यह पुरस्कार भारत के बाहर गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है। लोकतंत्र, स्वतंत्रता और मानवाधिकार के निष्ठावान समर्थक मेडौख गाजा में अल-अक्सा विश्वविद्यालय में फ्रेंच विभाग के प्रोफेसर और निदेशक हैं।
अपने छात्रों के बीच अहिंसा का शानदार उदाहरण पेश करने के लिए प्रख्यात मेडौख फ्रेंच बोलने वाले देशों में फिलिस्तीन के प्रसिद्ध वक्ताओं में से एक हैं और यूरोप व मध्य-पूर्व में शिक्षक व युवाओं को अहिंसा का पाठ पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं।
वर्ष 2006 में वह और उनके दास्तों ने महात्मा गांधी के अहिंसक अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों के आधार पर शांति केंद्र की स्थापना की थी, जिसने फिलिस्तीन में अहिंसा प्रतिरोध के रूप में शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्ष 2011 में वह, फ्रांस के 'नाइट ऑफ द आर्डर ऑफ एकेडमिक पालम्स' पाने वाले पहले फिलिस्तीनी नागरिक बने थे।
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मेडौख के अलावा, ग्रामीण विकास विज्ञान समिति (जीआरएवीआईसी) के संस्थापक और सचिव शशि त्यागी को भी 'रचनात्मक कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान' के लिए पुरस्कार दिया गया।
नई दिल्ली स्थित सलाम बालक ट्रस्ट के संस्थापक और ट्रस्टी प्रवीण नायर को 'महिला और बच्चों के विकास और कल्याण' के लिए पुरस्कार दिया गया। वहीं जन स्वास्थ्य सहयोग एनजीओ को 'ग्रामीण विकास में विज्ञान व प्रोद्यौगिकी का प्रयोग' के लिए पुरस्कार दिया गया।
यह पुरस्कार महात्मा गांधी के अनुयायी और महान उद्योगपति जमनालाल बजाज की याद में हर वर्ष दिया जाता है। पुरस्कारों के 40वें संस्करण में आयोजित विशेष समारोह में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सभी विजेताओं को पुरस्कार भेंट किए।
--आईएएनएस