Vinesh-Harish Salve: ओलंपिक में अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश ने लगाया झूठा आरोप! वकील हरीश साल्वे ने खोली पोल

Vinesh-Harish Salve: शीर्ष वकील हरीश साल्वे ने खुलासा किया है कि कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विनेश इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती थीं।

Newstrack :  Network
Update:2024-09-14 18:29 IST

Vinesh-Harish Salve (सोशल मीडिया) 

Vinesh-Harish Salve: पेरिस ओलंपिक 2024 में कुश्ती के फाइलन मैच से पहले अधिक वजन की वजह से अयोग्य घोषित होने के बाद से पहलवान विनेश फोगाट ने केंद्र सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) अध्यक्ष पीटी उषा पर आरोप लगाए थे। पहलवान से कांग्रेसी नेता बनी विनेश ने इन आरोपों का अब पर्दाफाश हो गया है। विनेश के इन आरोप का खुलासा शीर्ष वकील हरीश साल्वे ने खुलासा किया है। बता दें कि ओलंपिक द्वारा 50 किलोग्राम कुश्ती के फाइनल मैच में वजन अधिक पाए जाने के चलते अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने इस मामले में कोई जान बूझ कर मदद नहीं की थी। उन्होंने ये भी कहा था कि पीटी ऊषा उनके साथ सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए पहुंची थीं, जिसकी सच्चाई अब सामने आ गई है।

विनेश के झूठे दावों का हरीश साल्वे ने किया खुलासा

शीर्ष वकील हरीश साल्वे ने खुलासा किया है कि कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विनेश इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती थीं। विनेश द्वारा संयुक्त रजत पदक दिए जाने की अपील के बाद साल्वे ने CAS सुनवाई में IOA का प्रतिनिधित्व किया। एक मीडिया से बात करते हुए साल्वे ने खुलासा किया कि विनेश सीएएस द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती नहीं देना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि शुरू में काफी समय तक समन्वय की कमी थी और एकजुटता की कमी थी, ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा एथलीट के लिए नियुक्त लॉ फर्म के वकीलों ने केश से जुड़ी कोई भी जानकारी साक्षा करने से मना कर दिया था। हालांकि बाद में केस से जुड़ी जानकारी हमे मिली और हमने से मजबूती के साथ केस लड़ा, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

सीएएस में विनेश के वकील थे साल्वे

फाइनल मैच में अयोग्यता घोषित होने के बाद विनेश फोगट ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) में अपील की और वकील हरीश साल्वे ने आईओए की ओर से उनका प्रतिनिधित्व किया। सीएएस ने पहले विनेश फोगट को अयोग्य घोषित करने के अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के फैसले को बरकरार रखा था। महिलाओं की 50 किलोग्राम कुश्ती श्रेणी में संयुक्त रजत पदक के लिए उनकी अपील को खारिज कर दिया था।

फोगाट मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती थीं

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अधिवक्ता विदुषपत सिंघानिया ने बताया कि सीएएस के फैसले के खिलाफ 30 दिनों के भीतर स्विस फेडरल ट्रिब्यूनल में अपील की जा सकती है। विनेश फोगट द्वारा यह दावा किए जाने के बाद कि उनके वकीलों ने अयोग्यता मामले के खिलाफ अपील में 'नरम' रुख अपनाया है, जिसके कारण उन्हें पेरिस ओलंपिक पदक से हाथ धोना पड़ा। हरीश साल्वे ने सिंघानिया के बयान को दोहराया और कहा कि उन्हें ऐसा लगा कि फोगट मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती थीं।

हमने कड़ी लड़ाई लड़ी

साल्वे ने कहा कि हमने कड़ी लड़ाई लड़ी। मैंने विनेश को यह भी प्रस्ताव दिया कि हम मध्यस्थता पुरस्कार के खिलाफ स्विस अपील कोर्ट में इसे चुनौती दे सकते हैं, लेकिन वकीलों ने मुझे बताया कि मुझे लगता है कि वह इसे आगे नहीं बढ़ाना चाहती थी। हरीश साल्वे ने यह भी आरोप लगाया कि विनेश फोगट के वकीलों की ओर से समन्वय की कमी थी।

जानिए क्या था पूरा मामला?

निवेश फोगाट अपने तीसरे ओलंपिक में कुश्ती के 50 किलोग्राम के मुकाबले में फाइनल में पहुंची थीं, लेकिन फाइनल मैच से पहले 50 किलोग्राम में 100 ग्राम अधिक वेट पाए जाने की जवह से ओलंपिक संघ ने अयोग्य घोषित कर दिया गया। वजन को कम करने के लिए पहलवान ने रात भर काफी मेहनत भी की, लेकिन उनका वजन कम नहीं हो सका और पदक से हाथ धोना पड़ा।अयोग्य घोषित किए जाने के बाद, दुखी विनेश ने खेल से संन्यास की घोषणा कर दी। वह हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुईं और आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों में जींद के जुलाना निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपनी राजनीतिक शुरुआत करेंगी।

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