Parliament Special Session : महिला आरक्षण बिल लोकसभा से पास, ऐतिहासिक विधेयक के पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े
जुमलों का भी दिया जवाब
विपक्ष के जुमलों का जवाब देते हुए स्मृति बोलीं, जिन लोगों ने इसे जुमला बताया। कहा, हम चिट्ठियां लिख रहे थे, इसलिए काम हुआ। वे ये बता रहे हैं कि आज देश में ऐसा पीएम है, आप उनके साथ पक्षपात करते रहे, इसके बावजूद उन्होंने आपके पत्र को पढ़ा, चर्चा की और संज्ञान लिया।'
'आप रोड़ा न बनें, तो राष्ट्र कृतज्ञ रहेगा'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'आज इस सदन में बिना पीठ की अनुमति के आते ही एक शब्द का उच्चारण कर रहे हैं, इसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि देखी जाए। महिला के साथ विधानसभा में क्या आचरण करने का इतिहास है? स्मृति ईरानी ने कहा, आज ये महिला के आचरण पर टिप्पणी न करें। राष्ट्र सरकार के इस फैसले को स्वीकार करते हुए 'नारी शक्ति वंधन' को समर्थन देता है। उन्होंने कहा, राष्ट्र की महिलाओं के 'संवैधानिक विकास' में आप रोड़ा न बनें, तो राष्ट्र कृतज्ञ रहेगा।'
स्मृति ईरानी- विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहा
स्मृति ईरानी ने आगे कहा, 'हमसे (सरकार) से पूछा जा रहा है कि आप अनुसूचित जाति और मुस्लिम को आरक्षण क्यों नहीं देते? मुझसे ज्यादा अनुभवी लोग जो बिना इजाजत के बोल रहे हैं, उन्हें इस बात का आभास नहीं है कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण वर्जित है। उन्होंने कहा, ये वो भारत है जहां लोगों के पास व्यवस्थाएं डिजिटल माध्यम से भी पहुंची हैं। इसलिए हमारे देश के नागरिक जिस प्रकार से विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है, उस भ्रम में न फंसें। इसलिए तथ्यों का रिकॉर्ड पर आना उचित है।'
स्मृति- संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं
सपा सांसद डिंपल यादव (SP MP Dimple Yadav) ने मांग की थी कि, महिला आरक्षण बिल (women reservation bill) में पिछड़े वर्ग तथा मुस्लिम महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाए। उनके इस बात का केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पलटवार किया। उन्होंने जवाब में कहा, 'जो लोग अल्पसंख्यकों (minorities) को महिला आरक्षण बिल में आरक्षण की मांग कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहती हूं कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है।'
महिलाओं को आरक्षण देने वाली पहली पार्टी बीजेपी बनी: स्मृति ईरानी
महिला आरक्षण बिल पर बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा अगर हम संविधान की गरिमा के नजरिए से देखें तो इस (महिला आरक्षण) विधेयक के जरिए देवी लक्ष्मी ने संवैधानिक रूप ले लिया है। उन्होने कहा कि मैं भाजपा की साधारण कार्यकर्ता हूं, जिसको मेरे संघठन ने असाधारण मौके दिए ताकि मैं संगठन के माध्यम से संविधान के मर्यादा में राष्ट्र की सेवा कर सकूं। महिलाओं को आरक्षण देने वाली पहली पार्टी भारतीय जनता पार्टी बनी है।
जानें महुआ मोइत्रा क्यों बोलीं, मेरे लिए गर्व और शर्म की बात
महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते हुए तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा आज यह मेरे लिए गर्व और शर्म की बात है कि मैं एक महिला के रूप में भारत की संसद में महिला आरक्षण विधेयक पर बोल रही हूं। यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस से हूं, जो अपने सदस्यों में से 37 प्रतिशत महिलाओं को चुनती है। महिलाओं के हित में हमारी पार्टी पहले से सोचती आई है। अब आपको सोचना है।
महिला आरक्षण विधेयक सबसे परिवर्तनकारी क्रांति: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार द्वारा लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक पेश किए जाने के एक दिन बाद बुधवार को कहा कि यह लैंगिक न्याय के लिए ‘‘हमारे दौर की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगा। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमने स्थानीय निकाय के चुनावों में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया है। एक और सुखद संयोग है कि राज्य विधानसभाओं और देश की संसद में महिलाओं के लिए ऐसा ही आरक्षण देने वाला एक प्रस्ताव अब आगे बढ़ रहा है। यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे दौर की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी।
बसपा सांसद ने महिला आरक्षण का किया समर्थन, लेकिन की ये मांगे
बहुजन समाज पार्टी की सांसद संगीता आजद ने लोकसभा में कहा कि महिला आरक्षण बिल आने से देश की महिलाओं को नई ऊर्जा मिलेगी। इस विधेयक का हम समर्थन करते हैं, लेकिन हमारी और हमारी पार्टी की कुछ मांगे हैं। हम चाहते हैं कि लोकसभा, राज्यसभा और राज्य के विधानसभाओं में आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर देना चाहिए। ये आरक्षण विधान परिषदों में लागू कर देना चाहिए। उन्होने कहा कि जातिगत जनगणना जल्द से जल्द हो इसके साथ ही परिसीमन भी जल्द हो।
बिल में ओबीसी कोटा की मांग गलत नहीं : अनुप्रिया पटेल
महिला आरक्षण बिल की चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि बिल में ओबीसी के लिए कोटा की मांग गलत नही हैं। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में जल्द कोई न कोई सकारात्मक कदम उठाएंगे। उन्होने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2010 में आपने बिल को राज्यसभा में पारित कराया था तो उस समय क्या आपने पिछड़े समाज की महिलाओं को कोटा दिया जाए ये विषय आपके संज्ञान में था या नहीं और अगर ये बात आपके लिए महत्वपूर्ण नहीं थी तो क्या कांग्रेस को यह ख्याल नया नया आया है।
पीएम मोदी ने महिलाओं की किस्मत का ताला खोल दिया: शिवसेना सांसद
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए शिवसेना सांसद भावना गवली ने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की। उन्होने कहा कि पीएम मोदी ने महिलाओं की किस्मत का ताला खोल दिया। यह बिल लाने की हिम्मत पीएम मोदी के अलावा किसी में नहीं थी।