Parliament Winter Session: शीतकालीन सत्र का आज आठवां दिन, व्यवधान के बाद लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू

Parliament Winter Session: इस विधेयक पर बहस में 26 सांसदों ने हिस्सा लिया। विपक्षी सांसदों ने केंद्र पर इस बिल के जरिए चुनाव आयोग की निष्पक्षता को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-13 13:27 IST

Parliament Winter Session (Photo:Social Media)

Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र का आज यानी बुधवार 13 दिसंबर को आठवां दिन है। आज लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बड़ी घटना हो गई। दर्शक दीघा में बैठे दो शख्स अचानक सदन में कूद गए। सांसदों के मुताबिक, दोनों के हाथ में टियर गैस कनस्तर था। जिसे छो़ड़ते ही सदन में पीला धुंआ फैलने लगा।  इससे वहां हड़कंप मच गया। सांसदों ने साहस दिखाते हुए तुरंत दोनों को पकड़ा और सुरक्षाकर्मियों के हवाले किया। फिलहाल पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। इस घटना के बाद सदन की कार्यवाही रोक दी गई गई थी। जो दो बजे फिर से शुरू हो गई है। 

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सुरक्षा में हुई चूक की जांच की जा रही है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोपियों द्वारा सदन में जो धुंआ छोड़ा गया था, उसमें कोई खतरनाक केमिकल नहीं थी। बताया जा रहा है कि जो दो लोग कार्यवाही के दौरान घुसे थे, उनमें से एक का नाम सागर है। दोनों सांसद के नाम पर लोकसभा विजिटर पास पर आए थे। संसद हमले की बरसी पर हुई इस घटना को सुरक्षा में गंभीर चूक की तरह देखा जा रहा है।

इससे पहले आज सब संसद की कार्यवाही शरू हुई तो लोकसभा में आज प्रश्न काल के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ट्रेन टिकट किराया को लेकर सवाल किया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसका अध्यन कर विस्तार से जवाब देने की बात कही। वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कतर में नौसेना कर्मियों की स्थिति और उन्हें भारत वापस लाने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। 

मंगलवार को राज्यसभा में क्या हुआ ? 

मंगलवार को राज्यसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों, सेवा शर्तो को विनियमित करने वाला विधेयक सरकार की ओर से पेश किया गया। इस विधेयक पर बहस में 26 सांसदों ने हिस्सा लिया। विपक्षी सांसदों ने केंद्र पर इस बिल के जरिए चुनाव आयोग की निष्पक्षता को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

विपक्ष ने कहा कि यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार कर लाया गया है। अगर यह पारित हो गया तो चुनाव आयोग का महत्व कम हो जाएगा। इस बिल के विरोध में सभी विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया था। हालांकि, केंद्र सरकार इस विधेयक को उच्च सदन से पारित करवाने में सफल रही। बहस के दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने तंज कसते हुए कहा, इस बिल के पास होने के बाद बीजेपी चाहे तो संबित पात्रा को भी मुख्य चुनाव आयोग बना सकती है। इस पर सदन में जमकर ठहाके लगे। 

‘लोकतंत्र को कुचलने का काम किया गया है’

राज्यसभा में चुनाव आयोगों की नियुक्ति से संबंधित यह विधेयक पारित होने के बाद राघव चड्ढा ने कहा कि इस बिल के माध्यम से सरकार ने लोकतंत्र को कुचलने का काम किया है। अगर देश में निष्पक्ष चुनाव आयोग नहीं होगा तो क्या निष्पक्ष चुनाव हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने एक फॉर्मूला दिया और कहा कि तीन सदस्यीय समिति बनाए-प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश। यही समिति तय करेगी कि कौन चुनाव आयोग में बैठेगा या गठन कैसे होगा।

सरकार ये बिल लाकर इस तीन सदस्यीय समिति में से भारत के मुख्य न्यायाधीश को बाहर का दरवाजा दिखाकर एक मनोनीत कैबिनेट मंत्री उसके जगह बैठा देती है यानी इस तीन सदस्यीय समिति में हमेशा दो वोट सरकार के पास होंगे। यानी सरकार तय करेगी कि चुनाव आयोग में कौन बैठेगा। आप सांसद ने आगे कहा कि इस बिल पर सभी विपक्षी दलों के बीच चर्चा की जाएगी और फिर इस पर कानूनी राय लेकर इसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जाएगा।

लोकसभा ने पारित किए पांच विधेयक

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शीत सत्र के सातवें दिन लोकसभा में पांच विधेयक पेश किए थे। पांचों विधेयक निचले द्वारा पारित कर दिए गए। इन विधेयकों में सेंट्रल यूनिवर्सिटीज (संशोधन), केंद्र शासित पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वुमन रिजर्वेशन बढ़ाने वाले बिल भी शामिल हैं। देश के बाकी राज्यों की तरह पुडुचेरी और जम्मू कश्मीर विधानसभा (परिचालन के समय) में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था होगी। इसके अलावा तीन बिल सीआरपीसी संशोधन बिल थे।


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