Bihar Politics: नीतीश कुमार फिर करने वाले हैं सियासी धमाका! महीने के अंत तक उठाएंगे बड़ा कदम, पशुपति पारस ने किया इशारा

Bihar Politics: बिहार में इन दिनों जदयू और राजद के बीच रिश्तों में तनातनी दिखती रही है। विभिन्न कारणों को लेकर नीतीश कुमार राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव से नाराज बताए जा रहे हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-01-17 10:10 IST

Nitish Kumar, Pashupati Paras  (photo: social media )

Bihar Politics: खरमास खत्म होने के बाद बिहार की सियासत में अटकलबाजियों का दौर फिर शुरू हो गया है। बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को लेकर बिहार में फिर चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है। नीतीश कुमार ने पिछले दिनों विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के संयोजक पद का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। अब नीतीश कुमार के संबंध में केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि जनवरी महीने का अंत तक नीतीश कुमार की जदयू की एनडीए में वापसी हो सकती है।

वैसे भी बिहार में इन दिनों जदयू और राजद के बीच रिश्तों में तनातनी दिखती रही है। विभिन्न कारणों को लेकर नीतीश कुमार राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव से नाराज बताए जा रहे हैं। वैसे नीतीश कुमार को सियासत का माहिर खिलाड़ी माना जाता है और वे इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। ऐसे में पशुपति पारस का बयान सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अभी दो दिन पूर्व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी बिहार में बड़े बदलाव का संकेत देते हुए कहा था कि जो कुछ भी होगा, वह राज्य हित में होगा।

महीने के अंत में हो सकता है बड़ा धमाका

पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पारस ने कहा कि खरमास खत्म होने के बाद अब सही समय का इंतजार है। महीने के अंत में जो कुछ भी होगा,वह बिहार के लिए काफी अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि आदमी बलवान नहीं होता बल्कि समय बलवान होता है। इस समय नीतीश कुमार काफी उलझन में फंसे हुए हैं,लेकिन वे जो फैसला लेंगे वह राज्य के लिए अच्छा साबित होगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जनवरी के अंत में बड़ा कदम उठा सकते हैं। ऐसे में हम सभी को इंतजार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी के बाद विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया पूरी तरीके से बिखर जाएगा। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब नीतीश कुमार को लेकर पशुपति पारस ने बड़ा बयान दिया है। पिछले साल सितंबर में भी उन्होंने नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी का संकेत देते हुए कहा था कि यदि नीतीश कुमार एनडीए में वापस आते हैं तो उनका स्वागत है।

एनडीए को चुनौती नहीं दे पाएगा इंडिया गठबंधन

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने गठबंधन जरूर बना लिया है मगर उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कद वाला कोई नेता नहीं है। इंडिया गठबंधन में कोई नेता ऐसा नहीं है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में 28 दल शामिल हैं और सभी दलों के नेता सीट शेयरिंग के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। वे इस मुद्दे पर कुछ भी खुलकर कहने से कतरा रहे हैं। ऐसी स्थिति में इंडिया गठबंधन भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को कैसे चुनौती दे सकता है।

कई कारणों से नाराज हैं नीतीश कुमार

सियासी जानकारों का मानना है कि नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी के संबंध में दिया गया बयान पूरी तरह बेदम नहीं माना जा सकता। दरअसल विपक्षी गठबंधन की चुनावी तैयारी और सीट शेयरिंग में हो रही देरी को लेकर नीतीश कुमार नाराज बताए जा रहे हैं। पिछले दिनों उन्हें इंडिया गठबंधन की वर्चुअल बैठक के दौरान संयोजक बनाने का प्रस्ताव रखा गया था मगर उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था।

दरअसल इस मुद्दे पर टीएमसी नेता ममता बनर्जी की असहमति नीतीश की नाराजगी का कारण मानी जा रही है। इसके साथ ही वे राजद के रवैए को लेकर भी भीतर ही भीतर नाराज हैं। ऐसे में वे कोई बड़ा फैसला लेते हैं तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए।

बड़े बदलाव को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगस्त 2022 में एनडीए से अपने रास्ते अलग कर लिए थे। उन्होंने राजद, कांग्रेस और वाम दलों के समर्थन से बिहार में सरकार बनाई थी। इस बीच में राज्य के सियासी हल्कों में कई दिनों से बड़े बदलाव को लेकर अटकलबाजियों का बाजार गरम है।

नीतीश कुमार ने पिछले महीने के आखिर में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटकर खुद पार्टी की कमान संभाल ली थी। नीतीश कुमार के इस कदम के पीछे भी ललन सिंह की राजद से नजदीकी को बड़ा कारण माना गया था।

बिहार में चल रही इस सियासी खींचतान के कारण ही राजद नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों अपनी विदेश यात्रा स्थगित कर दी थी। अब पशुपति पारस के बयान ने एक बार फिर बिहार का सियासी तापमान बढ़ा दिया है। अब सबकी निगाहें नीतीश कुमार के अगले सियासी कदम पर लगी हुई हैं।

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