Pashupati Paras: ‘मेरी पार्टी के साथ नहीं हुआ न्याय’, नाराज पशुपति पारस ने मोदी कैबिनेट से दिया इस्तीफा
Pashupati Paras: पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने बहुत ईमानदारी से NDA की सेवा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के बड़े नेता हैं, लेकिन हमारी पार्टी और व्यक्तिगत रूप से हमारे साथ नाइंसाफी हुई।
Pashupati Paras: बिहार में लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलने पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से नाराज केंद्रीय मंत्री एवं एलजेपी नेता पशुपति पारस ने लोकसभा चुनाव से पहले मोदी के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही, उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी भी एनडीए गठबंधन से बाहर हो गई है। दरअसल, बिहार में भाजपा और सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे होने के बाद केंद्रीय मंत्री पारस ने सोमवार को दिल्ली अपने आवासा पर पार्टी के नेताओं के साथ एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने यह फैसला लिया कि वह एनडीए के साथ नहीं रहेंगे और अब महागठबंधन में शामिल होंगे।
पार्टी और हमारे साथ हुई नाइंसाफी
पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि मैंने बहुत ईमानदारी से NDA की सेवा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के बड़े नेता हैं, लेकिन हमारी पार्टी और व्यक्तिगत रूप से हमारे साथ नाइंसाफी हुई। इसलिए मैं केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देता हूं। एनडीए में मेरे साथ नाइंसाफी हुई है। अब मैंने तय कर लिया है मुझे कहां जाना है? उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही मैने कहा था कि मैं तब तक इंतजार करूंगा जब तक NDA सीटों की घोषणा नहीं करती, लेकिन अब बिहार में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग की घोषणा भी हो गई है और आज मैंने अपना फैसला भी ले लिया है।
ये थी पशुपति पारस की नाराजगी
दअसल, सोमवार को बिहार में एनडीए ने 40 लोकसभा सीटों के शेयरिंग की घोषणा कर दी। इसमें राष्ट्रीय लोजपा को एक भी सीट मिली नहीं, जिससे वह नाराज हो गए। वह पहले से ही भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को कह चुके थे कि हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगें लेकिन एनडीए ने इस बार के लोकसभा चुनाव में उनके भतीजे चिराग पासवान को तहरीज देते हुए हाजीपुर सहित चार सीटें दे दी, लेकिन पशुपति कुमार पारस को कहीं से भी एक सीट नहीं दी। हालांकि इस बात के संकेत पशुपति पारस को पहले थे कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उन्हें इग्नोर कर सकता है और हुआ भी वही।
पशुपति को मिली सकती हैं चिराग वाली सीटें
एनडीए से अलग होने के बाद अब पशुपति पारस बिहार में महागठबंधन की अगुवाई कर रही पार्टी राजद के संपर्क में हैं। सूत्रों की मानें तो महागठबंधन इस लोकसभा चुनाव में पशुपति पारस को 5 सीटें ऑफर कर सकती है। इसमें हाजीपुर की भी सीट शामिल है, जिसकी वजह से उनका एनडीए से नाता टूटा है। महागठबंधन पशुपति पारस को वहीं सीटें ऑफर कर सकती है, जहां से भाजपा ने चिराग पासवन को दी है। भाजपा ने चिराग को वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई की सीट दी हैं।
चिराग को मिली 5 सीटें
बता दें कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों के लिए भाजपा ने अपने सहयोगी दलों के साथ बैठकर सीट शेयरिंग की सोमवार को घोषणा कर दी। इसमें भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), राष्ट्रीय लोक मोर्चा और हम के बीच सीटों का बंटवारा हो गया, जबकि इस बंटवारे में पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा को एक भी सीट नहीं मिली। सीट बंटवारें में भाजपा के खाते में 17 सीटें, जेडीयू 16 सीटें और चिराग पासवान की पार्टी को 5 सीटें मिली हैं, जबकि मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 1-1 सीट प्राप्त हुई।
2019 में हाजीपुर से जीता था चुनाव
पशुपति पारस 2019 में हाजीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बने थे। पारस को अपने दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल में उन्हें जगह दी और केंद्र में मंत्री बनाया था, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ऐन वक्त में पशुपति पारस ने भाजपा ने नाता तोड़ लिया और उनके रूख अलग हो गए। बता दें कि पारस उसी सीट से सांसद हैं, जो कभी उनके दिवंगत भाई रामविलास पासवान की सीट हुआ करती थी।