PM Modi Birthday: पीएम मोदी के बड़े फैसले जिसने बदल दी देश की तस्वीर, विपक्ष भी रह गया हैरान

Narendra Modi Big Decisions: प्रधानमंत्री के रूप में मोदी ने कई ऐसे बड़े फैसले लिए हैं जिनकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खूब चर्चा हुई। प्रधानमंत्री के इन फैसलों को सिस्टम में बदलाव का बड़ा कदम माना गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-09-17 11:11 IST

Narendra Modi Big Decisions

Narendra Modi Big Decisions: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज 73वां जन्मदिन है और इस मौके पर देश में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। भाजपा ने इस मौके पर कार्यक्रमों की बड़ी योजना तैयार की है। जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी को देशभर से बधाइयां मिल रही हैं। प्रधानमंत्री के रूप में मोदी अपनी दूसरी पारी खेल रहे हैं और गत 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए उन्होंने लालकिले पर फिर अगले साल झंडा फहराने का दावा किया था। प्रधानमंत्री का यह दावा इसलिए भी महत्वपूर्ण माना गया था क्योंकि देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री के दावे से साफ है कि उन्हें 2024 में भी देशवासियों का समर्थन मिलने की पूरी उम्मीद है।

प्रधानमंत्री के रूप में मोदी ने कई ऐसे बड़े फैसले लिए हैं जिनकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खूब चर्चा हुई। प्रधानमंत्री के इन फैसलों को सिस्टम में बदलाव का बड़ा कदम माना गया है। प्रधानमंत्री के रूप में अपनी दूसरी पारी के दौरान पीएम मोदी ज्यादा आक्रामक दिखे हैं। पहले कार्यकाल से भी ज्यादा सीटें जीतकर दूसरी पारी शुरू करने वाले मोदी ने पहले दिन से ही साफ कर दिया था कि वे बड़े फैसले लेने का मन बना चुके हैं।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का सबसे बड़ा फैसला जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने वाला रहा। इसके साथ तीन तलाक को खत्म करने, नागरिकता संशोधन कानून, बैंकों के विलय जैसे बड़े फैसले भी मोदी के दूसरे कार्यकाल में ही लिए गए। वैसे अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी पीएम मोदी ने नोटबंदी और जीएसटी कानून को लागू करने वाले बड़े फैसले लिए थे। ऐसे में पीएम मोदी के उन फैसलों को जानना जरूरी है जिनके जरिए देश में बड़ा बदलाव दिखा है। विपक्षी दल भी मोदी सरकार के इन फैसलों पर भौचक्का रह गए थे।

देश में नोटबंदी लागू करने का फैसला

2016 में 8 नवंबर की रात आठ बजे प्रधानमंत्री मोदी ने एक बड़ा ऐलान करके पूरे देश को चौंका दिया था। पीएम मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद करने का ऐलान किया था जिसे आधी रात से लागू कर दिया गया था। प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था। बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं। बंद नोटों को बदलवाने के लिए आम जनता को हफ्तों तक परेशानी का सामना करना पड़ा था। बाद में 500 और 2000 रुपए के नये नोट जारी किए गए थे। सरकार ने ऐलान किया था कि उसने देश में मौजूद काले धन और नकली मुद्रा की समस्या को समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया है। देश में इससे पहले 16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी की गठबंधन सरकार ने भी इन्हीं कारणों से नोटबंदी को लागू किया था।


बाद में मोदी सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया था। देश की शीर्ष अदालत ने चार-एक के बहुमत से मोदी सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। न्यायालय ने कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया न तो त्रुटिपूर्ण थी और न ही जल्दबाजी में पूरी की गई थी। इसे नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि माना गया था। हालांकि, पीठ में शामिल न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने सरकार के इस कदम पर कई सवाल उठाए थे। उन्होंने इस फैसले को गैर कानूनी बताया था।

जीएसटी कानून सरकार की बड़ी उपलब्धि

जीएसटी कानून को पूरे देश में लागू करना भी मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि माना जाता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई,2017 को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को देशभर में लागू किया था। इसका मकसद देशभर में एक टैक्स सिस्टम को लागू करना था। इसे टैक्स के मोर्चे पर सुधार का बड़ा कदम माना गया था।


इसे लागू करने के बाद से अब तक सरकार इसे सरल बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। इसी कारण जीएसटी कानून में कई बार संशोधन किए जा चुके हैं। इसे पूरे देश में एक देश-एक कर के सिद्धांत पर लागू किया गया था। हालांकि मोदी सरकार के इस फैसले पर जमकर हंगामा हुआ था। विपक्ष ने सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए थे। कई व्यापारी संगठनों ने भी इस पर आपत्ति जताई थी। दूसरी ओर भाजपा इसे मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला बताती रही है।

मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी

अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने का वह कदम भी उठाया जिसे वह अपने पहले कार्यकाल में पूरा नहीं कर सके थे। मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक पर पाबंदी के लिए मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 को संसद से पारित कराया। इसके बाद तीन तलाक देना कानूनी तौर पर जुर्म बन गया है। हालांकि विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से इसका जोरदार विरोध किया गया मगर मोदी सरकार टस से मस नहीं हुई। इसे मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने वाला क्रांतिकारी कदम माना गया है।


जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त

अपनी दूसरी पारी में ज्यादा मजबूत बनकर उभरे मोदी ने पहले साल के दौरान ही सबसे बड़ा फैसला जम्मू-कश्मीर को लेकर लिया। संसद की मंजूरी से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 हटा दिया गया और इसके साथ ही राज्य दो हिस्सों में बांट भी दिया गया। भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही अपने चुनावी घोषणा पत्र में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने की बात कहती रही है मगर यह काम न तो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में किया जा सका और न तो मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान। लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान मोदी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया।


इसके बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए हैं। पीएम के रूप में मोदी के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद कश्मीर में भी एक देश, एक विधान और एक निशान की व्यवस्था लागू हो गई है। मोदी सरकार के इस कदम को भाजपा की बड़ी विजय माना गया क्योंकि इसके जरिए वह अपने एजेंडे को लागू करने में कामयाब रही है।

नागरिकता संशोधन कानून

मोदी सरकार का एक बड़ा फैसला नागरिकता संशोधन कानून का रहा। संसद और देश में विभिन्न स्थानों पर भारी विरोध के बावजूद इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया। संसद में इस बिल के पारित होने के बाद पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर धरना और प्रदर्शन आयोजित किए गए मगर मोदी ने फैसला वापस लेने से इनकार कर दिया। शाहीन बाग सहित देश में विभिन्न स्थानों पर काफी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी सड़कों पर उतर आए मगर फिर भी सरकार इस मामले में नहीं झुकी।


हालांकि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बार-बार यह बात जरूर स्पष्ट की गई कि इस कानून के जरिए किसी की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। अमित शाह ने बार-बार यह स्पष्ट किया कि यह कानून नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, नागरिकता छीनने के लिए नहीं।

बैंकों के विलय का बड़ा फैसला

मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान आर्थिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बना दिए हैं। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया है। सिंडिकेट बैंक को केनरा और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिलाया गया है। आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से जोड़ा गया है। मोदी सरकार के इस बड़े कदम से बैंकों को बढ़ते एनपीए से काफी राहत मिली है। बैंकों का संकट टालने के लिए सरकार की ओर से 55,250 करोड़ के राहत पैकेज का एलान भी किया गया था। देश में आर्थिक सुधार की दिशा में इसे एक बड़ा कदम माना गया है।



 


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