Amit Shah Birthday: PM Modi ने जन्मदिन पर अमित शाह को दी बधाई, छात्र राजनीति से लेकर गृहमंत्री तक, ऐसा रहा सफर
Amit Shah Birthday: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 58वां जन्मदिन है। इस विशेष मौके पर प्रधानमंत्री मोदी अपने खास सिपहसलार को ट्वीट कर बधाई दे चुके हैं।
New Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister Amit Shah) सह सहकारिता मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद संगठन और सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले अमित शाह का 58वां जन्मदिन है। इस विशेष मौके पर प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi Narendra Modi) अपने खास सिपहसलार को ट्वीट कर बधाई दे चुके हैं। पीएम के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा समेत भाजपा के तमाम आला नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शुभकामना संदेश में कहा, अमित शाह को जन्मदिन की बधाई। भारत के गृह मंत्री के रूप में वह हमारे देश की प्रगति के लिए कई प्रयास कर रहे हैं। वह महत्वपूर्ण सहकारिता क्षेत्र में सुधार के लिए भी कई सराहनीय कार्य कर रहे हैं। वह हमारे राष्ट्र की सेवा में एक लंबा और स्वस्थ जीवन व्यतीत करें।
बीजेपी ने जारी किया वीडियो
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में अपने ट्वीटर हैंडल से एक वीडियो जारी किया है। वीडियो के साथ ट्वीट कर लिखा गया है, जनप्रिय राजनेता, अद्भुत संगठनकर्ता, कुशल रणनीतिकार व अथक परिश्रमी केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
अमित शाह का परिवार (Amit Shah's family)
केंद्रीय गृह मंत्री सह सहकारिता मंत्री अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में एक गुजराती हिंदू वैष्णव बनिया परिवार में हुआ था। उनके पिता अनिलचंद्र शाह एक बड़े व्यापारी थे। उनकी मां का नाम कुसुमबेन शाह है। उनकी पत्नी का नाम सोनल शाह और बेटा का नाम जय शाह है। जय शाह फिलहाल बीसीसीआई के सचिव हैं। शाह ने अपनी शुरूआती पढ़ाई मेहसाणा में की, फिर अहमदाबाद आ गए। बायोकेमेस्ट्री से बीएससी करने के बाद उन्होंने पिता के प्लास्टिक के पाइप का व्यापार संभाला।
शाह का सियासी सफर (Amit Shah's political journey)
बताया जाता है कि अमित शाह कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे। साल 1982 में जब वे कॉलेज में थे, तब उनकी मुलाकात तत्कालीन संघ प्रचारक नरेंद्र मोदी से हुई। कहा जाता है कि इसी ने उनके सक्रिय राजनीति में आने के मार्ग खोल दिए। 1983 में संघ की छात्र ईकाई एबीवीपी से जुड़े और अपना दबदबा कायम किया।
1987 में अमित शाह बीजेपी में शामिल हुए। बीजेपी तक एक नई-नवेली पार्टी हुआ करती थी। उस दौरान उन्हें पार्टी के यूथ विंग में जगह दी गई। शाह को पहला बड़ा राजनीतिक टास्क साल 1991 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिला। उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंपा गया। पांच बाल यानी 1996 में उन्हें एक और बड़ी जिम्मेदारी मिली। अमित शाह को गुजरात से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले अटल बिहारी वाजपेयी के लिए चुनाव प्रचार करने का जिम्मा सौंपा गया।
राजनीति के साथ – साथ स्टॉक ब्रोकर का काम करने वाले अमित शाह को 1995 में बीजेपी सरकार आने के बाद गुजरात राज्य वित्त निगम का चेयरपर्सन चुना गया था। 1991 और 1996 में उनके बेहरतरी काम ने उन्हें पार्टी के अंदर बेहतरीन चुनावी प्रबंधक और कुशल रणनीतिकार के तौर पर उभरा। साल 1997 में सरखेज विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल कर पहली बार विधानसभा में पहुंचे। इसके बाद लगातार 1998,2002 और 2007 में वे जीतते रहे। 1999 में शाह अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष चुने गए।
राज्य सरकार में शाह की एंट्री
गुजरात में मोदी युग के शुरू होने के बाद साल 2002 में उनकी राज्य सरकार में एंट्री हुई। शाह 2010 तक मोदी कैबिनेट का हिस्सा रहे। इस दौरान उन्होंने गृह मंत्रालय समेत कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाला। इस दौरान अमित शाह के पास सबसे अधिक विभाग हुआ करते थे। मोदी-शाह की केमेस्ट्री यहीं से मजबूत हुई। साल 2004 में अहमदाबाद के बाहरी इलाके में हुए सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में शाह को साल 2010 में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वो कुछ दिन जेल में भी रहे। हालांकि, बाद में सबूतों के अभाव में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया।
साल 2013 में नरेंद्र मोदी जब गुजरात से दिल्ली आए तो उनके साथ अमित शाह भी आए। शाह को यूपी जैसे मुश्किल राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने अपने आका को निराश न करते हुए देश के सबसे बड़े सूबे में ऐतिहासिक जीत दिला दी। इसके बाद शाह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और कई राज्यों में पार्टी का सियासी विस्तार किया। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड जनादेश के साथ दोबारा लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस जनरल को कैबिनेट में भी शामिल कर लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति का ऐलान कर अपनी संसदीय पारी का धमाकेदार आगाज किया।