देश में लागू हुआ CAA, मोदी सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन, गैर मुस्लिम प्रवासियों को मिलेगी भारत की नागरिकता

CAA Rules Notification: देश में CAA लागू होने के बाद मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले शेष धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है।

Written By :  aman
Update:2024-03-11 18:23 IST

पीएम मोदी और अमित शाह (Social Media) 

CAA Rules Notification: लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले सोमवार (11 मार्च) को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। दरअसल, CAA संसद से पारित हुए करीब 5 साल बीत चुके हैं। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सीएए को देश में लागू कर दिया।

केंद्र सरकार ने CAA को लेकर ऑनलाइन पोर्टल पहले ही तैयार कर लिया है। अब भारत की नागरिकता लेने के लिए शरणार्थी आवेदन कर सकते हैं। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने सीएए को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था। पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था।

केंद्र ने जारी किया नोटिफिकेशन, CAA लागू

गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने हाल ही के अपने चुनावी भाषणों में कई बार नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA लागू करने की बात कर चुके थे। उन्होंने ऐलान किया था कि, लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा। अब केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे लागू कर दिया है।

विस्थापित अल्पसंख्यकों को दस्तावेज देने की जरूरत नहीं

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी देशों से आने वाले अन्य धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने सीएए से संबंधित एक वेब पोर्टल भी तैयार किया है। तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी। इसके तहत बांग्लादेश (Bangladesh), पाकिस्तान (Pakistan) और अफगानिस्तान (Afghanistan) से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।

2019 में मोदी सरकार ने कानून में किया था संशोधन

वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया था। जिसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर, 2014 से पहले आने वाले 6 अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया था। CAA नियमों के अनुसार, नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा।

CAA को राष्ट्रपति से मिली थी मंजूरी

सीएए को दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था। जिसके बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली। लेकिन, इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुआ। इसके बाद, यह कानून लागू नहीं हो सका।

6 राज्यों का विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्‍ताव

देश में लागू किए गए नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (CAA) के विरोध में 6 राज्यों की ओर से प्रस्ताव विधानसभा में पारित किया जा चुका है। ये हैं केरल विधानसभा (Kerala Assembly), पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly), राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly), पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly), पुडुचेरी विधानसभा (Puducherry Assembly) और तेलंगाना विधानसभा (Telangana Assembly) प्रमुख रूप से शामिल हैं।  

कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ी

देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के साथ ही संवेदनशील इलाकों में पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली के शाहीन बाग सहित अन्य इलाके में पुलिस के अतिरिक्त जवान देखे गए हैं। 

UP में अलर्ट, DGP ने जारी किए निर्देश

सीएए कानून लागू होने के बाद देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार (UP DGP Prashant Kumar) ने सभी जिलों की पुलिस को आवश्यक निर्देश दिए हैं। 

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