PM in Jharkhand: बिरसा मुंडा के जरिए आदिवासी वोटों को साधेंगे पीएम मोदी, मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ की आदिवासी सीटों पर BJP की निगाहें

PM in Jharkhand: प्रधानमंत्री मोदी रांची में रोड शो करने के साथ ही बिरसा मुंडा के जन्मस्थल खूंटी में उलिहातु गांव जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण भी करेंगे।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-11-15 09:35 IST

PM Modi in Jharkhand: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज झारखंड दौरा सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। मोदी सरकार पिछले दी साल से आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रही है। इस बार जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी आज झारखंड के दौरे पर रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी रांची में रोड शो करने के साथ ही बिरसा मुंडा के जन्मस्थल खूंटी में उलिहातु गांव जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण भी करेंगे।

दरअसल प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब मध्य प्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। इन तीनों राज्यों में आदिवासी वोटों का खासा असर है और माना जा रहा है कि आदिवासी सीटों पर समीकरण दुरुस्त करने के लिए पीएम मोदी का यह दौरा प्लान किया गया है। इस तरह प्रधानमंत्री मोदी आज झारखंड दौरे के जरिए तीन चुनावी राज्यों में भाजपा की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।

पीएम मोदी का झारखंड दौरा क्यों है अहम

पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी संदेश देने वाला चुनाव माना जा रहा है। इन राज्यों में चुनावी बाजी जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने पूरी ताकत लगा रखी है। तीन चुनावी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में आदिवासी बहुल सीटों पर भी दोनों दलों के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी का आज झारखंड दौरा सियासी नजरिए से काफी अहम हो गया है।

भाजपा ने पिछले राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा कदम उठाते हुए द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया था। पार्टी को द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति भवन भेजकर पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति का बड़ा संदेश देने में कामयाबी मिली थी। भाजपा के इस कदम को भी सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना गया था। भाजपा नेता अपनी चुनावी सभाओं में इस कदम को जोर-शोर से उठाते रहे हैं।

आदिवासी बहुल सीटों पर भाजपा की निगाहें

अब यदि तीन चुनावी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को देखा जाए तो इन तीनों राज्यों में तमाम सीटें आदिवासी वोटरों के लिए सुरक्षित हैं। मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं जिनमें से 47 सीटें आदिवासियों के लिए सुरक्षित हैं। राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 25 सीटों पर आदिवासी उम्मीदवार ही चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे।

इसी तरह छत्तीसगढ़ में 90 सीटों में से 29 सीटें आदिवासी उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित हैं। इस तरह इन तीनों राज्यों में सत्ता का फैसला करने में आदिवासी मतदाताओं की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पीएम मोदी का आज झारखंड दौरा इस नजरिए से काफी असर डालने वाला साबित हो सकता है।

मध्य प्रदेश में पिछड़ गई थी भाजपा

मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने आदिवासी सीटों पर भाजपा को बड़ा झटका दिया था। कांग्रेस 47 में से 30 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी। आदिवासी वोटरों की ओर से दिए गए झटके के कारण भाजपा के हाथ से सत्ता फिसल गई थी और फिर 2020 में कांग्रेस में तोड़फोड़ के बाद भाजपा एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में अपनी सरकार बनाने में कामयाब हुई थी।

2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा आदिवासी बहुल 31 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी जबकि कांग्रेस को सिर्फ 15 सीटें हासिल हुई थीं। भाजपा इस बार भी वैसा ही प्रदर्शन करने की कोशिश में जुटी हुई है।

पिछले चुनाव में राजस्थान में भी लगा था झटका

मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी बहुल सीटों पर भाजपा को झटका दिया था। पिछले चुनाव में कांग्रेस आदिवासी बहुल 13 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी जबकि भाजपा के खाते में सिर्फ 10 सीटें आई थीं।

इससे पूर्व 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राजस्थान की 25 आदिवासी सीटों में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस को सिर्फ सात सीटों पर ही जीत मिली थी। 2018 के चुनाव के बाद राजस्थान में अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस सरकार बनी थी और भाजपा इस बार कांग्रेस को झटका देने की कोशिश में जुटी हुई है।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बुरी तरह हराया

छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें आदिवासी वोटरों के लिए सुरक्षित हैं। राज्य की सत्ता का फैसला करने में इन सीटों का हो काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा इनमें से सिर्फ तीन सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी। एक सीट अजीत जोगी की जनता कांग्रेस के खाते में गई थी जबकि बाकी सभी सीटों पर जीत हासिल करते हुए कांग्रेस ने भारी बहुमत हासिल किया था। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस इस बार भी पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ रही है और भाजपा के लिए सियासी राह आसान नहीं मानी जा रही है।

आदिवासी वोटरों को साधेंगे पीएम मोदी

ऐसे में झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री राज्य का दौरा करके तीन चुनावी राज्यों में आदिवासी वोटरों को साधने का प्रयास करेंगे। झारखंड का विधानसभा चुनाव भी अगले साल होने वाला है और माना जा रहा है कि इन तीन चुनावी राज्यों के साथ ही भाजपा की निगाहें झारखंड पर भी लगी हुई है।

झारखंड की सत्ता का फैसला करने में आदिवासी वोटरों की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है। सियासी जानकारों का मानना है कि इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी के आज झारखंड दौरे का कार्यक्रम तय किया गया है। वे रांची में रोड शो के अलावा बिरसा मुंडा के जन्मस्थल पर पहुंच कर माल्यार्पण भी करेंगे और इसके जरिए सियासी समीकरण साधने की कोशिश भी करेंगे।

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