PM Modi lists Panch Pran: ये है अगले 25 वर्षों का ब्लू प्रिंट, जानें प्रधानमंत्री के हर प्रण का क्या है मतलब

PM Modi lists Panch Pran: PM मोदी ने अपने संबोधन के दौरान अगले 25 साल के लिए 'पंच प्रण' के बारे में बताया। बोले, 'आने वाले 25 वर्षों के लिए हमें 'पांच प्रण' लेकर आगे बढ़ना चाहिए। जानें क्या है वो पांच प्रण।

Written By :  aman
Update:2022-08-15 10:38 IST

PM Modi

PM Modi lists Panch Pran: देश आज आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इसे 'आजादी का अमृत महोत्सव' (Azadi Ka Amrit Mahotsav) नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किले (Red Fort) की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार 9वीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। इस दौरान उन्होंने 'पांच प्रण' लिए। 

लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, कि आजादी के 75 साल बाद आज दुनिया भारत की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है। आज विश्व का भारत को देखने का नजरिया बदल गया है। इस दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 25 वर्षों के लिए 'पांच प्रण' के बारे में बताया। वो बोले, आने वाले 25 सालों के लिए देशवासियों को 'पंच प्रण' की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा, अपनी शक्ति, संकल्पों तथा सामर्थ्य की ओर हमें केंद्रित करना होगा। अनुभव कहता है कि एक बार हम सब संकल्प लेकर चल पड़ें, तो हम पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को पार कर लेंगे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच प्रण : 

1. विकसित भारत

2. शत प्रतिशत गुलामी की सोच से आजादी

3. विरासत पर गर्व

4.  एकता और एकजुटता

5. नागरिकों का कर्तव्य 

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से दिलाए '5 प्रण'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने लाल किले की प्राचीर से 'पांच प्रण' पर कहा, 'अब समय आ गया है कि देश बड़े संकल्प लेकर आगे बढ़ेगा। वह बड़ा संकल्प है 'विकसित भारत'। उससे कम कुछ नहीं होना चाहिए। दूसरा प्रण ये है कि किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना है। तीसरा प्रण शक्ति को लेकर है। उन्होंने कहा, हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए। यही विरासत है, जिसने भारत को 'स्वर्ण काल' दिया था। यह विरासत है, जो समय-समय पर परिवर्तन का सामर्थ्य रखता है। प्रधानमंत्री ने कहा, चौथा प्रण है एकता और एकजुटता। देश के 130 करोड़ देशवासियों में एकजुटता। न तो कोई अपना और न कोई पराया। एक भारत औऱ श्रेष्ठ भारत के लिए ये प्रण है। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, हमारा 5वां प्रण है नागरिकों का कर्तव्य। इससे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं होता। ये अगले 25 सालों के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रण हैं।'

1. विकसित भारत

प्रधानमंत्री के कहने का तात्पर्य है कि, स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Mission), कोरोना वैक्सीनेशन, ढाई करोड़ आबादी तक बिजली कनेक्शन की पहुंच, खुले में शौच से मुक्ति, नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy)। पीएम ने कहा, हम सभी मानकों पर संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

2. शत प्रतिशत गुलामी की सोच से आजादी

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 'शत प्रतिशत गुलामी की सोच से आजादी' पर बल दिया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) को गुलामी की उसी सोच से मुक्ति का रास्ता बताया। पीएम ने कहा, हमें किसी भी तरह की गुलामी से मुक्ति हासिल करनी होगी। हमें विदेशी सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। पीएम ने कहा, 'हमें देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए। डिजिटल इंडिया (Digital India) और स्टार्टअप (Startup) को देश की उभरती सोच तथा ताकत का परिणाम बताया।

3. विरासत पर गर्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा, 'जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे, तभी ऊंचा उड़ेंगे।' उन्होंने कहा, जमीन से जुड़ने के बाद ही हम विश्व को समाधान दे पाएंगे। पीएम मोदी ने कहा, हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। इसके लिए पीएम ने मोटा धान और देश में संयुक्त परिवार का उदाहरण दिया। कहा, ये भी हमारी विरासत का हिस्सा है। पर्यावरण की सुरक्षा हमारी विरासत में छिपी है। 

4. एकता और एकजुटता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हमें विविधता को सेलिब्रेट करना है। उन्होंने कहा, लैंगिक समानता और इंडिया फर्स्ट तथा श्रमिकों का सम्मान इसी का हिस्सा है। नारी का अपमान एक प्रमुख विकृति है, जिससे मुक्ति का रास्ता भी हमें खोजना होगा।'

5. नागरिकों का कर्तव्य

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'देश के लोगों का कर्तव्य है कि प्रगति का रास्ता तैयार करता है। यह मूलभूत 'प्रणशक्ति' है। उन्होंने कहा, बिजली की बचत, किसानों को खेतों में मिलने वाला पानी का पूरा इस्तेमाल तथा केमिकल मुक्त खेती, हर क्षेत्र में नागरिकों की जिम्मेदारी व भूमिका बनती है।'

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