वैक्सीन पर बड़ी खबर: 3 कपंनियों के साथ PM मोदी की बैठक, हो सकता है ये ऐलान
देश-दुनिया की तमाम कंपनियां और संस्थान कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटी हुई हैं। इन तीन स्वदेशी कंपनियों- जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स, डॉ. रेड्डीज लैब, बायोलॉजिकल ई' एस वैक्सीन के साथ आज पीएम मोदी बैठक करेंगे।
नई दिल्ली: कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए और हो रही मौतों पर काबू पाने के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीन बनाने का काम तेज़ी से चल रहा है। एक तरफ जहां हर देश में कोरोना वायरस का कहर फिर से बढ़ने लगा है। तो वहीं दूसरी तरफ कई देशों में लॉकडाउन जैसे हालात अभी भी बने हुए हैं। बता दें कि भारत के भी कई शहरों में नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था फिर से लागू कर दी गई है।
वैक्सीन बना रही कंपनियों के साथ पीएम मोदी करेंगे बैठक
कोरोना की दूसरी लहर आने के कारण फिर मौतों का सिलसिला चल पड़ा हैं। इन सबके बीच सभी को कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार है। देश-दुनिया की तमाम कंपनियां और संस्थान कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने में जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले दिनों स्वादेशी कोरोना वैक्सी न बनाने में जुटी बड़ी कंपनियों का दौरा किया था। इसके बाद अब सोमवार को वह एक बार फिर तीन ऐसी ही कंपनियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं।
यहां कोरोना से निजात पाने के लिए वैक्सीन बना रही कंपनियों के बारे में जानते हैं
जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स
यह कंपनी पुणे में है। यह जल्द ही भारत की पहली एमआरएनए वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर सकती है। आरएनए वैक्सीन को किसी खास बीमारी के एंटीजन के लिए एमआरएनए सिक्वेंस कोड को मिलाकर तैयार किया जाता है। ऐसा सामान्य वैक्सीन में नहीं होता है।
एक बार जब एंटीजन खुद ब खुद शरीर में विकसित हो जाता है तो यह इम्यूीन सिस्टाम के द्वारा पहचान लिया जाता है और बीमारी से लड़ने लगता है। कंपनी को दिसंबर के महीने में इस वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के शुरू होने की संभावना है।
इस वैक्सीन को सिएटल के एचडीटी बायोटेक कॉरपोरेशन के साथ मिलकर बनाया जा रहा है। साथ ही इसकी फंडिंग सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोएलॉजी की ओर से की जा रही है। एमआरएनए वैक्सीन को संरक्षित रखने के लिए बेहद कम तापमान की आवश्यकता होती है। लेकिन कंपनी का कहना है कि वह इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखने पर काम कर रही है।
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डॉ. रेड्डीज लैब
डॉ. रेड्डीज लैब रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक पांच का ट्रायल कर रही है। यह वैक्सीन भारत में दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए आगे बढ़ रही है। रूस का दावा है कि उसके द्वारा विकसित की गई यह वैक्सीनन 90 फीसदी तक प्रभावी है। इस वैक्सीन का ट्रायल रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड की डील का हिस्सा है।
स्पूतनिक पांच कोरोना वैक्सीन को गैमेलेया नेशनल रिसर्च इंस्टीटट्यूट ऑफ एपिडमियोलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी की ओर से विकसित की गई है। भारत की दवा कंपनी हेटेरो इस वैक्सीन के 10 करोड़ डोज तैयार करने की योजना बना रही है। इस बारे में रशियन डायरेक्ट इंवेस्टंमेंट फंड ने भी आधिकारिक बयान दिया है।
इस वैक्सीन का उत्पादन 2021 की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है। यह वैक्सीन ह्यूमन एडनोवायरल वेक्टेर के जरिये तैयार की गई है। इस तकनीक में तैयार किए गए वायरस (एडेनोवायरल वेक्टर) हमारे शरीर के अंदर कोरोना वायरस के एक जीन से गुजरते हैं और कोशिकाएं उन्हें समझती हैं। इसके बाद उसके खिलाफ प्रोटीन बनाकर जंग लड़ती हैं।
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बायोलॉजिकल ई' एस वैक्सीन
यह कंपनी हैदराबाद में है। देश में अभी इसकी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल पहले और दूसरे दौर में है। इस कंपनी की वैक्सीन में अमेरिका के बेयलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन की ओर से लाइसेंस किया हुआ एंटीजन शामिल है। साथ ही इसमें एक खास तरह के एडजुवैंट भी होते हैं। यह इम्यून या रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व होते हैं।
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