पश्चिम बंगाल के ठाकुरद्वारा में पीएम मोदी की रैली पर छाये संकट के बादल, ये है वजह
मामले में टीएमसी के स्थानीय सांसद ममता ठाकुर ने बताया, ‘हमने 28 जनवरी से 5 फरवरी के बीच अपने धार्मिक आयोजन के लिए जमीन पर माइक्रोफोन का उपयोग करने के लिए पुलिस की अनुमति ली है। इसका मतलब है कि इस बीच कोई और सभा या माइक्रोफोन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं प्राप्त कर सकता है
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में बीजेपी की रैली को लेकर लगातार विवाद होता रहता है। इस बार ठाकुरनगर में दो फरवरी को निर्धारित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली स्थल पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के अखिल भारतीय मटुआ महासंघ पहले ही जिला प्रशासन से 28 जनवरी से 5 फरवरी तक वहां स्थित मैदान पर माइक्रोफोन के इस्तेमाल की अनुमति प्राप्त कर चुका है।
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बता दें कि ठाकुरनगर को दलित मटुआ समुदाय के शरणार्थियों का गढ़ माना जाता है। जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गुट ऑल इंडिया मटुआ महासंघ ने दो फरवरी को एक रैली को आयोजन किया है, जिसके मुख्य वक्ता नरेंद्र मोदी होंगे। ठाकुरनगर मटुआ समुदाय का मुख्यालय है।
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मामले में टीएमसी के स्थानीय सांसद ममता ठाकुर ने बताया, ‘हमने 28 जनवरी से 5 फरवरी के बीच अपने धार्मिक आयोजन के लिए जमीन पर माइक्रोफोन का उपयोग करने के लिए पुलिस की अनुमति ली है। इसका मतलब है कि इस बीच कोई और सभा या माइक्रोफोन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं प्राप्त कर सकता है।’ उन्होंने कहा कि इस दौरान भक्ति गीत गाए जांएगे जिसकी अनुमति ली जा चुकी है।
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भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रदीप बनर्जी ने बताया कि धार्मिक आयोजन के पास 19 बीघा कृषि भूमि है जिसका इस्तेमाल सरसों उगाने के लिए किया जाता है। कृषि की इसी भूमि को पीएम मोदी की रैली के लिए चुना गया है। रविवार को एसपीजी कमांडो यहां का मुआयना भी कर चुके हैं। अब देखना ये होगा कि क्या पीएम मोदी की रैली में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होगा या नहीं या फिर अभी फिर से समय बदलेगा।