PM Modi In Bihar : बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष समारोह (Centenary Year Celebration) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज बिहार की राजधानी पटना पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, 'यह सदी देश के लिए कर्तव्यों की सदी है। हमें अगले 25 वर्ष कर्तव्य पथ पर चलते रहना है। पीएम ने आज बिहार की धरती पर कहा, कि 'भारत लोकतंत्र की मां है। आने वाले समय में बिहार आगे बढ़ेगा तो देश भी आगे बढ़ेगा।' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); दरअसल, बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष समापन समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि (PM Narendra Modi Chief Guest) थे। समारोह के दौरान मंच पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan), मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) भी मौजूद थे।आज प्रधानमंत्री के भाषण से पहले तीन लोगों ने भाषण दिए। सबसे पहले विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया। उनके बाद नेता विपक्ष तेजस्वी यादव और फिर सीएम नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी से पहले संबोधन भाषण दिया। अपनी संबोधन में तेजस्वी यादव ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की। पक्ष और विपक्ष मिलकर काम करें पीएम मोदी ने ये भी कहा, कि 'ईमानदारी से काम करें। पक्ष और विपक्ष को मिलकर जनता की समस्याओं का निदान करना चाहिए। देश सकारात्मक बदलाव देख रहा है। समय के साथ नए विचारों की जरूरत पड़ती है। हमें अपने कर्तव्यों को अपने अधिकारों को अलग नहीं मानाना चाहिए। हम सभी जनप्रतिनिधियों को कर्तव्यसंकल्प को दोहराना चाहिए। आप सबको पानी, बिजली, घर, शिक्षा, स्वास्थ्य मिलना चाहिए। बिहार जब आगे बढ़ेगा तभी भारत भी आगे बढ़ेगा।'जानें 'शताब्दी स्तंभ' क्यों है खास बिहार विधानसभा कैम्पस में आज पीएम मोदी ने जिस 'शताब्दी स्मृति स्तंभ' का लोकार्पण किया, उसकी क्या खासियत है। अगर आप नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि शताब्दी स्तंभ क्यों है खास? शताब्दी स्तंभ जहां बिहार के गौरव का प्रतीक है, वहीं इस स्तंभ के जरिए विधानसभा के 100 सालों की विधायी यात्रा तथा गौरवशाली परंपरा को दिखाया गया है। शताब्दी स्तंभ 40 फीट लंबा है। जिस पर 25 फीट तक राजस्थान के जैसलमेर जिले से लाए गए पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इसके ऊपर 15 फीट का कांस्य का बोधि वृक्ष का प्रतीक निर्मित है। इसमें कुल 318 पत्तियां दिखाई गई है। पत्तियां बिहार विधानसभा के 243 सदस्यों और 75 विधान परिषद सदस्यों के प्रतीक रूप में हैं। इसके 38 डालियां बिहार के 38 जिलों को तथा 9 इतने ही मोटे तने बने हैं, जो प्रमंडल को दर्शाते हैं। अष्टकोणीय स्मृति स्तंभ की चारों दिशाओं में अंजीर की लटकती चार मालाएं हैं। साथ ही, बिहार सरकार के प्रतीक चिह्न के रूप में स्वास्तिक चिह्न भी हैं।