Vishwakarma Scheme Launched: प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वकर्मा योजना किया लॉन्च, 3 लाख रूपये तक का मिलेगा लोन
Vishwakarma Scheme Launched: पीएम विश्वकर्मा योजना की देशभर में रविवार को भव्य लॉन्चिंग हुई है। देश के 70 स्थानों पर 70 मंत्री मौजूद रहे। इस कार्यक्रम के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ, अमित शाह अहमदाबाद, नितिन गडकरी नागपुर में मौजूद रहे।
Vishwakarma Scheme Launched: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 73वें जन्मदिवस पर देशवासियों को पीएम विश्वकर्मा योजना के रूप में आज एक और सौगात दी है। इस योजना के तहत पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों को सशक्त बनाया जाएगा। पीएम मोदी ने यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर से ही योजना को लॉन्च किया। योजना को लॉन्च करने से पहले उन्होंने कन्वेंशन सेंटर आए विभिन्न पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों से मुलाकात की और उनके काम को समझा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करने के दौरान पीएम विश्वकर्मा योजना का उल्लेख किया था। आज प्रधानमंत्री के जन्मदिन के साथ-साथ विश्वकर्मा जयंती भी है, इसलिए 17 सितंबर को ही योजना की ल़ॉन्चिंग की तिथि तय की गई थी। बीते माह ही केंद्रीय कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी देते हुए 13 हजार करोड़ का भारी-भरकम बजट तय किया था। इस योजना के जरिए पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों 3 लाख रूपये का लोन दिया जाएगा।
70 जगहों पर हुई लॉन्चिंग
पीएम विश्वकर्मा योजना की देशभर में रविवार को भव्य लॉन्चिंग हुई है। देश के 70 स्थानों पर 70 मंत्री मौजूद रहे। इस कार्यक्रम के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ, अमित शाह अहमदाबाद, नितिन गडकरी नागपुर, स्मृति ईरानी झांसी, अनुराग ठाकुर शिमला, भूपेंद्र यादव जयपुर, एस जयशंकर तिरूवनंतपुरम और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल में रहे। इसी प्रकार अन्य मंत्री भी तय किए गए जगहों पर मौजूद रहे।
योजना का क्या है मकसद ?
पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल के अभ्यास को बढ़ावा देना और मजबूत करना है। स्कीम के तहत लाभार्थियों को 15 हजार रूपये का टूलकिट प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही लाभार्थियों को 500 रूपये प्रति दिन के स्टाइपेंड के साथ आधारभूत कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इन 18 व्यवसायों से जुड़े कारीगरों का होगा फायदा
पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक कौशल वाले व्यवसायों को शामिल किया गया है। इनमें बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राज मिस्त्री, नाई, धोबी, दर्जी, मालाकार, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले, टोकरी, चटाई और झाडू बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, नाव बनाने वाले और अस्त्र बनाने वाले शामिल हैं।
तीन लाख रूपये मिलेगा लोन
इस योजना के तहत देशभर में करीब 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को फायदा मिलेगा। विश्वकर्मा योजना के तहत पहले चरण में कामगारों को 5 प्रतिशत ब्याज दर से एक लाख रूपये का लोन मिलेगा। यह पैसा कारोबार शुरू करने के लिए दिया जाएगा। दूसरे चरण में कारीगरों को कारोबार को व्यवस्थित और विस्तार करने के लिए 2 लाख रूपये तक का लोन दिया जाएगा।