पीएम मोदी, इमरान खान और जिनपिंग तीनों ही इस तारीख को होंगे आमने-सामने

भारत का चीन और पाकिस्तान दोनों ही देशों के साथ रिश्ता लगातार बिगड़ता ही जा रहा है। ये दोनों देश मिलकर भारत में अशांति फैलाना चाहते हैं। इनकी कोशिश नेपाल को भी आपने पाले में खड़ा करने की है। लेकिन अभी नेपाल ने इस मुद्दे पर अपना रुख साफ़ नहीं किया है।

Update:2020-10-19 17:17 IST
इमरान के एलान का भारत ने कड़ा विरोध किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस पूरे मसले पर बयान जारी कर पाकिस्तान के इस कदम की निंदा की है।

नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच आज भारत से एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रधानममंत्री नरेंद्र मोदी की इन दोनों देशों के प्रमुख नेताओं से जल्द ही मुलाकात हो सकती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मुलाकात 'शंघाई सहयोग संगठन' (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकती है। इस बार एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी का जिम्मा रूस को सौंपा गया है। एससीओ शिखर सम्मेलन का आयोजन 10 नवंबर को वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा।

भारत की तरफ से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन की तरफ से राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान की तरफ से वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल होंगे।

भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की फोटो(सोशल मीडिया)

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भारत के लिए क्यों अहम है एससीओ शिखर सम्मेलन

ऐसे में अभी से उम्मीद लगाई जा रही है कि इस सम्मेलन में पीएम मोदी की मुलाकात जिनपिंग और इमरान दोनों से हो सकती है। यहां ये भी जानना जरूरी है कि एससीओ शिखर सम्मेलन भारत के लिए बेहद ही अहम साबित होने जा रहा है।

क्योंकि सुरक्षा और अन्य राजनीतिक मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ आतंकवाद जैसे मुद्दों पर दुनिया के सामने अपनी बात रखने का एक बढ़िया मौक़ा मिल रहा है। भारत इस मंच का इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान को बेनकाब कर सकता है।

बताया जा रहा है कि मई महीने से सीमा पर जारी तनाव के बीच इस शिखर सम्मेलन में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक दूसरे से मुखातिब होंगे।

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो(सोशल मीडिया)

बीते दिनों ही चीन ने दी थी भारत को धमकी

यहां ये भी बता दें कि बीते दिनों चीन ने भारत को धमकी देते हुए कहा था कि यदि भारतीय शक्तियां ताइवान को लेकर खेलती हैं तो चीन पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की कार्रवाई कर सकता है।

गौरतलब है कि चीन काफी समय से ताइवान पर अपना दावा करता आया है और ताइवान का समर्थन करने वाले दूसरे देशों को धमकी देता रहता है।

इसी कड़ी में उसने इस बार भारत को ताइवान का समर्थन करने पर धमकी दी है। ये धमकी उसने चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख के जरिये दी है।

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