सबसे बड़ा बैंक घोटाला: 10 करोड़ गायब, मामले से जुड़े लोगों को किया अरेस्ट

ये बात लगभग सभी को पता है कि 23 सितंबर को (RBI) ने 6 महीनों तक पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) पर रोक लगा दी थी।

Update:2023-08-28 08:05 IST

नई दिल्ली: ये बात लगभग सभी को पता है कि 23 सितंबर को (RBI) ने 6 महीनों तक पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) पर रोक लगा दी थी। इस मामले से जुड़ी खबर सामने आ रही है जिसे सुन कर आप चौंक जाएंगे। बैंक की आंतरिक जांच टीम ने कहा है कि PMC बैंक के रिकॉर्ड से कुल 10.5 करोड़ रुपए कैश गायब है।

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चेक जमा किए बिना दिए गए पैसे

टीम को घोटाले में आरोपी रियल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) और इसकी संबंधित कंपनियों द्वारा जारी किए गए कई चेक मिले हैं। सोचने वाली बात तो ये है कि कंपनी द्वारा जारी किए गए ये चेक बैंक में जमा ही नहीं किए गए। उस समय उन्हें नकद दे दिया गया है।

6500 करोड़ का है घोटाला

तहकीक़ात टीम ने एक और खुलासा किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, यह घोटाला 6500 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। पहले बात सामने आई थी कि यह घोटाला 4,355 करोड़ रुपए का है। इसलिए FIR में घोटाले की राशि की हेराफेरी की धारा भी जोड़ी जा सकती है।

नहीं है कोई 50-55 लाख रुपए का हिसाब

जांच टीम के मुताबिक उन्हें जो चेक मिले हैं, वे 10 करोड़ रुपए से ज्यादा के हैं। बाकी के 50-55 लाख रुपए का कोई हिसाब नहीं है। पिछले दो साल में बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस को HDIL और ग्रुप की कंपनियों ने चेक भेजे थे, जो जमा नहीं किए गए लेकिन कंपनी को पैसे दे दिए गए थे। ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि थॉमस ने 50-55 लाख रुपए अपने पास रख लिए हों।

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कुल कर्ज का दो-तिहाई हिस्सा HDIL को

जानकारी के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि, 'यह आश्चर्य की बात है कि बैंक की तरफ से बांटे गए कुल कर्ज का दो-तिहाई हिस्सा सिर्फ एक ही कंपनी को दिया गया। उसने कहा कि हो सकता है कि बैंक साल 2008 से ही फर्जीवाड़ा कर रहा है। पिछले 10 सालों से हाउसिंग कंपनी एचडीआईएल को पैसे दिलाने के लिए बैंक ने कईं डमी खाते खोले थे।

बैंक के चेयरमैन वरयाम सिंह HDIL के बोर्ड में शामिल थे। बैंक द्वारा HDIL को रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन के तौर पर कितना कर्ज दिया गया, इसका खुलासा नहीं किया गया था, जो नियमों के विरुद्ध है।

संपत्तियां बेचकर रकम चुकाने के लिए तैयार

HDIL के प्रमोटर अपनी अटैच संपत्ति बेचकर रकम चुकाने के लिए तैयार हैं। एडीआईएल के प्रमोटर राकेश और सारंग वधावन ने वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और जांच एजेंसियों को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने अपना एयरक्राफ्ट, अल्ट्रा लग्जरी कारें और याट-बोट समेत 18 अटैच संपत्तियों को नीलाम करने की बात कही है। राकेश वाधवन और उनके बेटे सारंग 23 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। अदालती कार्यवाही के दौरान PMC बैंक के कई खाताधारकों ने कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया और अपना पैसा जल्द से जल्द वापस दिलाने की मांग की।

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ये लोग हुए अरेस्ट

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने PMC बैंक के पूर्व निदेशक सुरजीत सिंह अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना से जुड़ी ये पांचवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले अरोड़ा को EOW की विशेष जांच टीम ने पूछताछ के लिए बुलाया था। वह PMC बैंक के निदेशक रहते हुए लोन कमेटी के सदस्य भी थे। EOW बैंक घोटाले के आरोप में HDIL ग्रुप के राकेश और सारंग वाधवान, PMC के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह तथा बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को पहले ही पुलिस अरेस्ट कर चुकी है।

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