HC ने PMO पर ठोंका 5 हजार का हर्जाना ,हलफनामा न दाखिल करने पर सख्त

कैग रिपोर्टों पर कार्रवाई की मांग से सम्बंधित पीआईएल पर आदेश के बावजूद जवाबी हलफनामा न दाखिल करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर पांच हजार रुपये का हर्जाना ठोंका दिया है। प्रकरण में कोर्ट के आदेश के बाद पांच महीने से ज्यादा का वक्त

Update:2018-01-17 20:51 IST

लखनऊ: कैग रिपोर्टों पर कार्रवाई की मांग से सम्बंधित पीआईएल पर आदेश के बावजूद जवाबी हलफनामा न दाखिल करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर पांच हजार रुपये का हर्जाना ठोंका दिया है। प्रकरण में कोर्ट के आदेश के बाद पांच महीने से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बावजूद जवाब नहीं दाखिल किया गया।

यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस अब्दुल मोईन की बेंच ने सुनील कांदू की ओर से दाखिल पीआईएल पर पारित किया।

याची के मुताबिक याचिका में केंद्र सरकार द्वारा कैग की मात्र दस रिपोर्टों पर संज्ञान लेने का मुद्दा उठाया गया है जबकि कैग प्रतिवर्ष पांच हजार रिपोर्ट्स केंद्र को देती है। याची ने बताया कि याचिका में कैग के रिफॉर्म सम्बंधी मुद्दा के साथ-साथ प्रदेश में महालेखाकार द्वारा पिछले दस वर्षों में लगाए गए ऑडिट ऑब्जेक्शन पर कोई कार्रवाई न होने का मुद्दा भी उठाया गया है।

याचिका पर 9 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि 1 अगस्त 2017 को ही प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया था, बावजूद इसके अभी तक जवाब दाखिल नहीं हुआ। सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पीएमअेा एंव कानूनी मंत्रालय की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस बी पांडेय ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय दिए जाने की मांग की। इस पर कोर्ट ने पांच हजार रुपये के हर्जाने की शर्त के साथ तीन सप्ताह का मौका दिया है।

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