पीएनबी घोटाला : सीबीआई ने बैंक महाप्रबंधक को गिरफ्तार किया

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कहा कि उसने 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के महाप्रबंधक स्तर के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। साथ ही मामले के मुख्य आरोपी हीरा व्यापारी नीरव मोदी के

Update: 2018-02-22 03:29 GMT

नई दिल्ली/मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कहा कि उसने 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के महाप्रबंधक स्तर के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। साथ ही मामले के मुख्य आरोपी हीरा व्यापारी नीरव मोदी के महाराष्ट्र के अलीबाग स्थित फार्महाउस को सील कर दिया है। अगस्त 2009 से 2011 के बीच मुंबई स्थित पीएनबी की ब्राडी हाउस शाखा के प्रभारी रहे राजेश जिंदल को मुंबई में मंगलवार को दिन भर की पूछताछ के बाद रात को गिरफ्तार कर लिया गया।

सीबीआई ने कहा है कि नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार मेहुल चोकसी को लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एलओयू) और विदेशी साख पत्र के जरिए कर्ज दिलाने के नाम पर हुआ हजारों करोड़ का घपला जिंदल के कार्यकाल में हुआ था।

जिंदल अभी पीएनबी के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में बतौर महाप्रबंधक (क्रेडिट) नियुक्त थे।

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जिंदल इस मामले में गिरफ्तार हुए बारहवें अभियुक्त हैं। उन्हें बुधवार को मुंबई स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें पांच मार्च तक के लिए सीबीआई की हिरासत में सौंप दिया।

एजेंसी ने मामले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के मुंबई के समुद्र तट के पास स्थित अलीबाग में डेढ़ एकड़ में फैले फार्महाउस को भी सील कर दिया है। सीबीआई ने यहां दिन भर तलाशी ली थी।

सीबीआई अधिकारियों ने पीएनबी की ब्राडी हाउस शाखा के एक कार्यकारी निदेशक व महाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों से पूछताछ जारी रखी है। नीरव मोदी के स्टाफ और सहयोगियों से भी पूछताछ जारी है। इनमें नीरव मोदी की फायरस्टार इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के विदेश वित्त विभाग के अध्यक्ष सौरभ शर्मा व वित्त सचिव सुभाष परब भी शामिल हैं।

इसके अलावा एजेंसी मेहुल चोकसी के गीतांजलि समूह की कंपनियों के अधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है।

मंगलवार को सीबीआई ने नीरव मोदी के तीन अफसरों और मेहुल की फर्म के दो अफसरों को गिरफ्तार किया था।

नीरव मोदी की फायरस्टार इंटरनेशनल के अध्यक्ष विपुल अंबानी, इसके वरिष्ठ कार्यकारी अर्जुन पाटील और एक अन्य कार्यकारी कविता मानकिकर को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। गीतांजलि ग्रुप के अधिकारी कपिल खंडेलवाल और नितेन शाही को भी मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था।

विपुल दिवंगत धीरूभाई अंबानी के छोटे भाई नाथूभाई अंबानी के बेटे हैं।

इन सभी को बुधवार को सीबीआई अदालत में पेश किया गया जहां से इन्हें तीन मार्च तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया।

मामले की अपने स्तर से जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को पीएनबी धोखाधड़ी मामले में मुंबई में 17 ठिकानों पर छापे मारे।

ईडी के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "एजेंसी ने फर्जी कंपनी होने के शक में चार कंपनियों पर छापे मारे हैं।"

ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा था कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि समूह के प्रमुख मेहुल चोकसी के साथ कथित रूप से 120 से ज्यादा फर्जी कंपनियों के तार जुड़े हैं।

एजेंसी भारत में गीतांजलि प्रमुख से जुड़ी 79 फर्जी कंपनियों और मोदी से जुड़ी 41 फर्जी कंपनियों की जांच कर रही है।

एजेंसी इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या बैंकों से लिए गए पैसे इन फर्जी कंपनियों में लगाए गए हैं।

इधर इस मामले में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एक बार फिर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में अरबों के घोटाले और राफेल विमान सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'चुप्पी' पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि देश 'मन की बात' में इन मुद्दों पर सुनना चाहता है।

राहुल ने मोदी की एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया। तस्वीर में मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के लिए लोगों से अपने विचार साझा करने की अपील कर रहे हैं। इसके साथ राहुल ने लिखा, "मोदी जी, आपने पिछले महीने अपने एकालाप 'मन की बात' के लिए मेरी सलाह को नजरंदाज कर दिया। लोगों की सलाह क्यों मांग रहे हैं जब आप अपने दिल में जानते हैं कि इस समय भारत का हर नागरिक नीरव मोदी की 22 हजार करोड़ रुपये की महालूट और 58 हजार करोड़ रुपये के राफेल घोटाले पर आपसे सुनना चाहता है।"

राहुल ने कहा, "हम आपके उपदेशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।"

उधर, तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को 11,300 करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) से कराए जाने के विचार को खारिज कर दिया। वहीं कांग्रेस और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) ने इस मामले में जेपीसी जांच का प्रस्ताव रखा है।

इस बीच, केंद्र सरकार ने बुधवार को पीएनबी में हुए घोटाले के मामले में बैंक के शीर्ष प्रबंधन की भूमिका की जांच और मामले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका (पीआईएल) का विरोध किया।

पीआईएल का विरोध करते हुए महान्यायवादी के. के. वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ को बताया कि पीएनबी से संबंधित करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी पहले ही दर्ज हो चुकी है और जांच चल रही है।

वेणुगोपाल पीआईएल का विरोध करने को जैसे ही खड़े हुए, याचिकाकर्ता के वकील विनीत ढांडा ने पीठ से मामले में केंद्र को नोटिस जारी करने की मांग की, क्योंकि घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी 'आम आदमी की जमा रकम' लेकर भाग गया है।

इसपर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने जब पीआईएल को 'प्रचार से प्रेरित मामला' बताया तो ढांडा और पीठ के बीच गरमागरम बहस होने लगी।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, "यह प्रचार से प्रेरित मामला है। आपको विश्वास के साथ बताना होगा कि सरकार जांच नहीं कर रही है। हमें सरकार को अवश्य जांच करने देना चाहिए। हम सरकार के क्षेत्राधिकार (घोटाले की जांच) में दखल न दें।"

पीठ के व्यवहार पर आपत्ति जाहिर करते हुए ढांडा ने कहा, "अदालत मेरा अपमान कर रही है। अगर पीआईएल को इस रूप में देखा जा रहा है कि उससे प्रचार मिलेगा तो वह उसे वापस ले लेंगे और अदालत को घोटाले पर स्वत: संज्ञान लेने व उसकी जांच करने को छोड़ देंगे।"

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च की तिथि मुकर्रर की।

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