Bihar Politics: बहुत उतार चढ़ाव देखे हैं डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने
Bihar Politics: सम्राट चौधरी बिहार की राजनीति के दिग्गज शकुनी चौधरी के बेटे हैं। समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शकुनी चौधरी भी एक हैं। बिहार में कुशवाहा समाज के बड़े नेताओं में शकुनी चौधरी शुमार किए जाते हैं। शकुनी चौधरी एक सैन्यकर्मी से राजनेता बने थे, जिन्होंने कांग्रेस से शुरुआत की और अक्सर कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच निष्ठा बदलते रहे।
Bihar Politics: बिहार में भाजपा के सहयोग से बनी नीतीश कुमार की सरकार ने सम्राट चौधरी को भी डिप्टी सीएम ओढ़ से नवाजा है। सम्राट चौधरी अभी तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष थे जिन्हें आज ही पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
सम्राट चौधरी बिहार की राजनीति के दिग्गज शकुनी चौधरी के बेटे हैं। समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शकुनी चौधरी भी एक हैं। बिहार में कुशवाहा समाज के बड़े नेताओं में शकुनी चौधरी शुमार किए जाते हैं। शकुनी चौधरी एक सैन्यकर्मी से राजनेता बने थे, जिन्होंने कांग्रेस से शुरुआत की और अक्सर कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच निष्ठा बदलते रहे।
पगड़ी का क्या होगा?
नीतीश कुमार के मुखर आलोचक माने जाने वाले सम्राट चौधरी ने पिछले साल जद (यू) सुप्रीमो द्वारा भाजपा का साथ छोड़ने के बाद पगड़ी पहनना शुरू कर दिया था और कहा था कि उनकी पार्टी के सत्ता में लौटने के बाद ही वह इसे उतारेंगे।
अब उन्हें अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी नीतीश के साथ शांति स्थापित करने और यह सुनिश्चित करने की चुनौतीपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है कि बिहार में कुर्मियों और कोइरी के लिए 'लव कुश' गठबंधन मजबूत बना रहे और आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की संभावनाओं को बढ़ावा मिले।
कौन हैं सम्राट?
सम्राट चौधरी उर्फ राकेश कुमार मार्च 2023 से बिहार भाजपा अध्यक्ष हैं। वह कोइरी समुदाय से आने वाले एक ओबीसी नेता हैं। 55 वर्षीय सम्राट बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं। 2019 में उनका पहला कार्यकाल समाप्त होने के बाद 2020 में उन्हें एमएलसी के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया था।
कई दलों में रहे
2018 में भाजपा में शामिल होने से पहले वह राष्ट्रीय जनता दल के साथ-साथ जनता दल (यूनाइटेड) से भी जुड़े रहे। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का स्टार प्रचारक बनाया गया था।
- 2021 में सम्राट को नीतीश कुमार के विस्तारित मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे से पंचायती राज मंत्री बनाया गया।
- उन्होंने 2014 में जीतन राम मांझी मंत्रालय में शहरी विकास और आवास, स्वास्थ्य मंत्री और 1999 में राबड़ी देवी मंत्रालय में मेट्रोलॉजी और बागवानी मंत्री के रूप में भी कार्य किया है।हालांकि उनकी कम उम्र को लेकर विवाद हुआ और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
- 1990 में सक्रिय राजनीति में उतरने वाले सम्राट चौधरी ने अपने करियर की शुरुआत राष्ट्रीय जनता दल से की थी।
- 2018 में सम्राट चौधरी ने राजद से नाता तोड़कर भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा में आने के बाद से सम्राट चौधरी का राजनीतिक कद लगातार बढ़ता गया और पार्टी ने 2022 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।