Parliament Building Controversy: योगी, मायावती बहिष्कार को बताया अनुचित, जानें- विपक्ष के नेता क्या बोले?

Parliament Building Controversy: 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर चुके हैं। जबकि 16 पार्टियां समर्थन में हैं।

Update:2023-05-25 21:48 IST
inauguration of new building (Photo-Social Media)

Parliament Building Controversy: 28 मई को भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन होगा। इस दौरान 25 पार्टियों के शामिल होने की चर्चा है वहीं, कांग्रेस सहित करीब 20 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। इस पर बीजेपी ने सोनिया गांधी व गांधी परिवार के पहले के उद्घाटनों पर सवाल उठाये हैं। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व मायावती ने विपक्षी दलों द्वारा उद्घाटन समारोह के विरोध को अनुचित बताया है। फिलहाल, इस मुद्दे को लेकर राजनीति शुरू हो गई। पक्ष-विपक्ष के कई नेता इस पर अपनी राय रख रहे हैं। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी संसद के नये भवन उद्घाटन करेंगे जबकि विपक्ष की मांग है कि इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू या फिर लोकसभा अध्यक्ष करें।

उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना अनुचित-मायावती

बसपा सुप्रीमो मायवती ने ट्वीटर पर लिखा कि केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की। बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है। 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।

उन्होने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना अनुचित। सरकार ने इसको बनाया है। इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है। इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित। यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था।

उद्घाटन समारोह में नहीं पहुंच पाएंगी मायावती

मायावती ने बताया कि देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें। किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी।

1975 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया-किरन रिजजू

किरन रिजजू ने ट्वीटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि “अगस्त 1975 में, तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया, और बाद में 1987 में पीएम राजीव गांधी ने संसद पुस्तकालय का उद्घाटन किया। अगर कांग्रेस सरकार के मुखिया उनका उद्घाटन कर सकते हैं, तो सरकार के अन्य प्रमुख ऐसा क्यों नहीं कर सकते?”In August 1975, then PM Indira Gandhi inaugurated the Parliament Annexe, and later in 1987 PM Rajiv Gandhi inaugurated the Parliament Library. If Congress head of government can inaugurate them, why can't other head of government do the same? pic.twitter.com/Er7BPjDXZc

— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 25, 2023

सीएम योगी ने कहा कि इस तरह का बयान अनुचित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 मई को देश के नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर की जा रही बयानबाजी को दुर्भाग्यपूर्ण, गैर जिम्मेदाराना और लोकतंत्र को कमजोर करने वाला बताया है। उन्होंने कांग्रेस व विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक और गर्व करने वाले क्षण पर इस तरह की बयानबाजी उचित नहीं है।

संसद के मुद्दे पर राजनीति न करे विपक्ष-भूपेन्द्र

आज मुरादाबाद मे भाजपा प्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंन्द्र सिंह ने कह कि नए संसद के उद्घाटन के मुद्दे पर विपक्ष राजनीति न करे। संसद के उद्घाटन समारोह में सभी दलों को सम्मिलित होना चाहिए।

संसद भवन का उद्घाटन अध्यक्ष ओम बिरला करें-ओवैसी

AIMIM पार्टी के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असउद्दीन ओवैसी का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा किया जाना चाहिए, जो संरक्षक हैं। यहां तक ​​कि राष्ट्रपति को भी नहीं करना चाहिए।

जहाँ सत्ता का अभिमान हो परंतु विपक्ष का मान नहीं..उद्घाटन में क्या जाना-अखिलेश

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने समारोह का बहिष्कार करते हुए कहा कि भाजपाईयों द्वारा संसद के दिखावटी उद्धाटन से नहीं, बल्कि वहाँ पर लिखे ‘श्लोकों’ की मूल भावना को समझकर, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है। जहाँ सत्ता का अभिमान हो परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्धाटन में क्या जाना।"

राष्ट्रपति से संसद भवन के उद्घाटन का हक़ छीनकर क्या जताना चाहते?-मल्लिकार्जुन

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नरेन्द्र मोदी को संबोधित करते हुए ट्वीटर पर लिखा कि, “संसद, जनता द्वारा स्थापित लोकतंत्र का मंदिर है। महामहिम राष्ट्रपति का पद संसद का प्रथम अंग है। आपकी सरकार के अहंकार ने संसदीय प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है। 140 Cr भारतीय जानना चाहते हैं कि भारत के राष्ट्रपति से संसद भवन के उद्घाटन का हक़ छीनकर आप क्या जताना चाहते हैं?”

सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान-राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि, “राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना - यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है।“

मामले को SC, ST जोड़ रहे अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि, "प्रभु श्री राममंदिर के शिलान्यास पर मोदी जी ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया। नये संसद भवन के शिलान्यास पर भी मोदी जी ने रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया। अब नये संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू के हाथों से नहीं करवा रहे। देशभर का SC और ST समाज पूछ रहा है, कि क्या हमें अशुभ माना जाता है, इसलिए नहीं बुलाते?"प्रभु श्री राममंदिर के शिलान्यास पर मोदी जी ने तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया


नये संसद भवन के शिलान्यास पर भी मोदी जी ने श्री रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया

अब नये संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुरमू के हाथों से नहीं करवा…

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 25, 2023

नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा ही की जानी चाहिए-रामगोपाल

सपा राष्ट्रीय प्रधान महासचिव ने विपक्ष द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को सही ठहराया। उन्होने कहा कि विधानमण्डल का प्रधान राष्ट्रपति होता है, जिसके बिना संसद की परिभाषा ही अधूरी है। अगर उसके द्वारा संसद का उद्घाटन नहीं होगा या नही आमंत्रित किया जाए तो ये गलत है। नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा ही की जानी चाहिए।

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