Corona Fourth Wave: क्या है Post Covid Syndrome? कैसे रहने चाहिए लोगों को सावधान, जानिए सब कुछ

Post Covid Syndrome: स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मानें तो जिन लोगों को कोरोना संक्रमण हो चुका है, उनमें 'लॉन्ग कोविड' का खतरा बरकरार है। जानें और क्या कह रहे स्वास्थ्य विशेषज्ञ।

Written By :  aman
Update: 2022-12-22 10:16 GMT

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Post Covid Syndrome: चीन में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन BF.7 ने जमकर तांडव मचाया है। वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। भारत में भी बुधवार को ओमिक्रोन BF.7 वेरिएंट से संक्रमित कुछ मामले सामने आए हैं। कोरोना एक बार फिर लोगों को डराने लगा है। चीन के मौजूदा हालात देखते हुए केंद्र सरकार ने भी जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) के आदेश दिए हैं। साथ ही, विदेश से आने वालों पर विशेष नजर रखी जा रही है।

देश के सभी राज्यों को बुधवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिट्ठी लिखी थी। राज्य अपनी तरफ से पुरजोर कोशिशों में जुटे हैं। बड़े राज्यों ने अभी से एहतियातन कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। विदेश से आने वाले यात्रियों की 'रैंडम टेस्टिंग' भी की जाएगी। दरअसल, कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद से लोग सहमे हैं। देशवासियों ने मौत का भयानक मंजर देखा था। वहीं, पहली लहर के बाद कोरोना संक्रमितों में पोस्ट कोविड सिंड्रोम (Post Covid Syndrome) के प्रभाव भी देखे गए। जिन्हें नहीं पता उन्हें बता दें, पोस्ट कोविड सिंड्रोम अर्थात कोरोना से बाद होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को कहते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार, पोस्ट कोविड सिंड्रोम का असर लंबे समय तक व्यक्ति में देखा जा सकता है।

स्वास्थ्य समस्याओं को न करें नजरअंदाज 

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि, कोरोना से बाद होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं (Post Covid Syndrome) को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसी समस्याओं का सामना कर रहे लोगों को दोबारा कोरोना संक्रमण होने से क्या प्रभाव पड़ेगा? चाहें तो इस बारे में अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं। इस खबर में हम आपको पोस्ट कोविड सिंड्रोम के बारे में बताने जा रहे हैं। 

जानें क्या है पोस्ट कोविड सिंड्रोम? (What is Post Covid Syndrome)

स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मानें तो जिन लोगों को कोरोना संक्रमण (Corona Positive) हो चुका है, उनमें 'लॉन्ग कोविड' (Long Covid) का खतरा बना हुआ है। इसका मतलब ये है कि अगर आप कोरोना से उबर चुके हैं तब भी खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। यहां पोस्ट कोविड का अर्थ कोरोना संक्रमण के बाद भी शरीर में बनी रहने वाली कई समस्याओं से हैं। अमूमन Covid-19 से ठीक होने के करीब तीन महीने तक इसके लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जानकार बताते हैं, कुछ लोगों में लक्षण और लंबे समय तक भी बने रह सकते हैं। पोस्ट कोविड इफेक्ट अधिकतर हमारे Respiratory System और दिल पर पड़ता है।

पोस्ट कोविड मरीजों को कितना खतरा?

अब लोगों के जेहन में सवाल उठना लाजमी है कि मौजूदा हालात को देखते हुए पोस्ट कोविड मरीजों में संक्रमण का कितना खतरा है। इस सवाल पर शिशु रोग विशेषज्ञ और वायरल इंफेक्शन जानकार डॉ. अरुण शाह ने एक खबरिया चैनल को बताया, पूरी दुनिया में करीब 25 से 30 प्रतिशत आबादी कोरोना के बाद होने वाली समस्याओं से पीड़ित हैं। ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट BF.7 अधिक तेजी से फैल रहा है। जाहिर है कि इस वेरिएंट से लोगों के संक्रमित होने का अंदेशा है। यहां डॉ. शाह ये भी कहते हैं कि ओमिक्रोन के सब वेरिएंट BF7 से लोग संक्रमित तो हो रहे हैं, लेकिन मौतों का आंकड़ा कम है।

क्या है Omicron BF.7?

चीन में इस वक्त ओमीक्रोन का ही सब वेरिएंट BF.7 फैल रहा है। WHO के अनुसार, ये वेरिएंट बेहद तेजी से फैलता है। इसके संक्रमण में मरीज बहुत बीमार नहीं पड़ता। यही वजह है कि चीन में कोविड पेशेंट की संख्या अत्यधिक तेजी से बढ़ता जा रहा है। बता दें, साल 2021 के अंत में कोरोना वेरिएंट ओमिक्रॉन (Corona Variant Omicron) उभरा था। ओमिक्रॉन तेजी से कई सब वेरिएंट के रूप में विकसित हुआ। सब वेरिएंट BF.7 को हाल ही में बीजिंग में फैलने वाले मुख्य वेरिएंट के रूप में पहचाना गया। यही मौजूदा समय में चीन में COVID संक्रमणों के व्यापक उछाल में योगदान दे रहा है।

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