मुर्गा मिलेगा सस्ता: बर्ड फ्लू का पोल्ट्री फार्म पर असर, व्यापारियों को लगा तगड़ा झटका

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजू शर्मा ने बताया कि भारत में लोग पका हुआ चिकन ही खाते हैं। 70 डिग्री पर उबलने के बाद सभी प्रकार के विषाणु मर जाते हैं। ऐसे में चिकन से कोई खतरा नहीं है।

Update:2021-01-07 10:49 IST
मुर्गा मिलेगा सस्ता: बर्ड फ्लू का पोल्ट्री फार्म पर असर, व्यापारियों को लगा तगड़ा झटका

जींद: देश में एक तरफ जहां कोरोना ने कोहराम मचा रखा है, तो वहीं बर्ड फ्लू (Bird flu) की दस्तक ने कई पोल्ट्री उद्योगों पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। जी हां, हरियाणा के जींद जिला, जो कि पोल्ट्री उद्योगों (Poultry industry) का हब है, वहां पर बर्ड फ्लू (Bird flu) का गहरा असर पड़ने लगा है। बर्ड फ्लू (Bird flu) के कारण मुर्गों की कीमत में 15 रूपए प्रति किलोग्राम की गिरावट दर्ज की गई है। फिलहाल, पोल्ट्री उद्योग (Poultry industry) के व्यवसायी और पशु चिकित्सक चिकन को सुरक्षित करार दिया है।

दिल्ली में मुर्गों की कीमत

आपको बता दें कि बर्ड फ्लू (Bird flu) के कारण बीते बुधवार को दिल्ली में मुर्गों की कीमत में करीब 15 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट दर्ज की गई है। इस घटते दाम से यह अनुमान लगया जा रहा है कि पोल्ट्री उद्योग (Poultry industry) के व्यवसायियों को हर रोज लगभग 1.20 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। वहीं, हरियाणा के जींद जिले की बात करें, तो यहां से हर रोज करीब 4 लाख मुर्गें बेचने के लिए दिल्ली भेजे जाते हैं। 4 लाख मुर्गों की संख्या से ही आप अनुमान लगा सकते है कि इसका वजन कितना होगा, फिर भी आपको बता दें कि इन 4 लाख मुर्गों का वजन लगभग 8 लाख किलोग्राम होता है। जानकारी के मुताबिक, जिले में 500 से अधिक पोल्ट्री फार्म (Poultry farm) और 80 से अधिक हैचरी हैं।

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पहले 90 रुपये प्रति किलोग्राम था दाम

पहले जींद जिले से दिल्ली भेजे गए मुर्गों की कीमत 90 रुपये प्रति किलोग्राम तक था, जिससे करीब 7.20 लाख रुपये का कारोबार हर रोज हुआ करता था। वहीं बीते बुधवार को यह दाम घटकर एक मुर्गे का दाम 75 रुपये किलोग्राम हो गया है।

पशुपालन विभाग का बयान

मुर्गों के घटते दाम को लेकर जींद जिले के पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजू शर्मा ने बताया कि भारत में लोग पका हुआ चिकन ही खाते हैं। 70 डिग्री पर उबलने के बाद सभी प्रकार के विषाणु मर जाते हैं। ऐसे में चिकन से कोई खतरा नहीं है। हालांकि जींद के पोल्ट्री फार्मर लगातार आकर बचाव की जानकारी ले रहे हैं। तीन दिन में अब तक 50 से अधिक पोल्ट्री व्यवसायी जानकारी ले चुके हैं। इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।

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