Pralay Missile: LAC पर होगी प्रलय मिसाइल की तैनाती, चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत का बड़ा फैसला

Pralay Missile: एलएसी विवाद पर सेना ने प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल तैनात करने का निर्णय लिया है। यह मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर की रेंज में आने वाले किसी भी टारगेट को नेस्तानबूद कर सकता है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-12-20 11:23 GMT

Pralay ballistic missile। (Social Media)

Pralay Missile: साल 2020 में गलवान संघर्ष की घटना के बाद से भारत और चीन के संबंधों में खासी खटास उत्पन्न हो गई है। दोनों देशों के बीच तनाव पिछले दो सालों से चरम पर है। चीन दुश्मनी के इस आग को बुझाने के बजाय और भड़काना चाहता है। हालिया तवांग झड़प की घटना इसका उदाहरण है। ऐसे में भारतीय सेना ने चीन से लगने वाली सीमा यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों में जुटी हुई है।

एलएसी पर प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल तैनात करने का लिया निर्णय

बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती के साथ – साथ आधुनिक हथियार भी वहां भेजे जा रहे हैं। इसी कड़ी में सेना ने एलएसी पर प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल तैनात करने का निर्णय लिया है। यह मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर की रेंज में आने वाले किसी भी टारगेट को नेस्तानबूद कर सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। ऐसे में जल्द इसकी तैनाती देखऩे को मिल सकती है।

प्रलय मिसाइल की खासियत

प्रलय मिसाइल सतह से सतह पर मार गरने वाली एक क्वासी मिसाइल है। नई टेक्नोलॉजी से लैस इस मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइल भी नहीं तोड़ पाएगी। हवा में कुछ रेंज तक यह अपना रास्ता खुद बदलने में सक्षम है। इसमें सॉलिड प्रोपेलेंट वाला रॉकेट मोटर लगा है। रक्षा जानकारों के मुताबिक, इस मिसाइल के जरिए भारतीय सेना एलएसी पर ऊंचाई पर पोजिशन लिए चीनी सैनिकों के ठिकाने को टारगेट कर सकती है।

इजरायली मिसाइल भी तैनात करेगा भारत

भारत चीन सीमा पर इजरायल निर्मित मिसाइल भी तैनात करने जा रहा है। इसका नाम रैम्पेज मिसाइल है। यह मिसाइल इतनी सटीक और घातक है कि इसके एक ही हमले में किसी भी जमीनी लक्ष्य को खत्म किया जा सकता है। यह हवा से जमीन पर फायर करने वाली मिसाइल है और किसी भी मौसम में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। एलएसी पर इसकी तैनाती से 250 किलोमीटर की रेंज में आने वाले सारे चीनी सैन्य ठिकाने भारतीय सेना के जद में होंगे। इसे इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने बनाया है। 

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