Bihar Politics: आखिर नीतीश कुमार ने खोल रखी है कौन सी खिड़की, पीके ने किया खुलासा, सीएम के दिल्ली दौरे पर उठाए सवाल

Bihar Politics प्रसिद्ध चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हमें नीतीश कुमार की रणनीति को समझना होगा क्योंकि वे अटल को श्रद्धांजलि देने के लिए उन दिनों में भी दिल्ली नहीं गए जब वे भाजपा के साथ थे।

Update: 2023-08-18 06:07 GMT
Nitish Kumar Prashant Kishor News (फोटो: सोशल मीडिया )

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे और इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने की बिहार के सियासी हलकों में खूब चर्चा हो रही है। नीतीश कुमार ने अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं से तो मुलाकात नहीं की मगर वे अटल को श्रद्धांजलि देना नहीं भूले।

इसे लेकर जनसुराज यात्रा के सूत्रधार और प्रसिद्ध चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हमें नीतीश कुमार की रणनीति को समझना होगा क्योंकि वे अटल को श्रद्धांजलि देने के लिए उन दिनों में भी दिल्ली नहीं गए जब वे भाजपा के साथ थे। उन्होंने कहा कि यह सवाल महत्वपूर्ण है कि जब वे उन दिनों में भी नहीं गए तो इस बार क्यों दिल्ली पहुंच गए।

नीतीश कुमार की क्या है रणनीति

प्रशांत किशोर हाल के दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलते रहे हैं। अब उन्होंने नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का दिल्ली जाना और इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देना उनकी रणनीति का बहुत कुछ खुलासा कर देता है। पीके ने कहा कि जब नीतीश कुमार बिहार में भाजपा के साथ थे तब भी वे अटल जी को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली नहीं जाते थे।

चुनाव रणनीतिकार ने कहा कि दरअसल नीतीश कुमार का राजनीति करने का अपना अलग ही तरीका है। नीतीश कुमार जब एक दरवाजा खोलते हैं तो पीछे से खिड़की और रोशनदान दोनों को खोलकर रखते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके। ऐसे में नीतीश कुमार अपना एक दूसरा रास्ता भी खोले हुए हैं।

आखिर कौन है दरवाजा और कौन है खिड़की

प्रशांत किशोर ने यह भी खुलासा किया कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजा कौन है और खिड़की कौन। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से हाल में बनाया गया गठबंधन इंडिया नीतीश कुमार के लिए दरवाजा है तो राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश उनके लिए खिड़की का काम कर रहे हैं। हरिवंश के जरिए उनका अभी भी भाजपा से संपर्क बना हुआ है और हरिवंश के साथ पिछले दिनों उन्होंने लंबी बैठक भी की थी।

अटल को श्रद्धांजलि देने के साथ नीतीश कुमार ने भाजपा और एनडीए के नेताओं को यह संदेश देने की कोशिश की है कि आपके इतने बड़े श्रद्धेय के प्रति मेरे मन में भी सम्मान का काफी भाव है। इसके जरिए उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया को भी मैसेज दिया है। उन्होंने विपक्षी नेताओं को यह बताने की कोशिश की है कि अगर आप लोगों की ओर से मुझे भाव नहीं दिया गया तो मेरे पास अभी भी दूसरी ओर जाने का विकल्प खुला हुआ है।

नीतीश कुमार की दिल्ली दौरे पर सफाई

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को दिल्ली के दौरे पर पहुंचे थे और गुरुवार को पटना लौटने के बाद उन्होंने दिल्ली दौरे के संबंध में बयान दिया। नीतीश के दिल्ली दौरे से पहले कहा जा रहा था कि अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान वे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर सकते हैं।

दिल्ली की लोकसभा सीटों को लेकर दोनों पार्टियों के बीच हाल में तीखी बयानबाजी भी हुई थी मगर दिल्ली यात्रा के दौरान नीतीश कुमार ने राहुल और केजरीवाल के साथ कोई मुलाकात नहीं की।

इस बाबत स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि उनका पहले से ही दिल्ली में किसी भी नेता से मिलने का कोई भी कार्यक्रम नहीं था। नीतीश ने कहा कि वे काफी कम समय के लिए दिल्ली गए थे और इन नेताओं के साथ मेरी फोन पर अक्सर बातचीत हो जाती है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के एकजुट हो जाने से भाजपा में बेचैनी दिख रही है और इसी कारण उल्टी-सीधी खबरें उड़ाई जा रही हैं।

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