Draupadi Murmu: कौन हैं द्रौपदी मुर्मू, बनीं देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति

Draupadi Murmu Ka Jivan Parichay: भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। जानिए कौन हैं द्रौपदी मुर्मू।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-21 18:48 IST

द्रौपदी मुर्मू। (Social Media)

Click the Play button to listen to article

Draupadi Murmu Biography In Hindi 2022: आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली एक साधारण महिला द्रौपदी मुर्मू जो संघर्षों के बीच शिक्षा हासिल करती है। एक साधारण कर्मचारी के रूप में नौकरी करती है। एक पार्षद के रूप में समाज को सही राह दिखाती है। जो नेहरू की विभाजनकारी राजनीति का प्रतिकार करती है और जो आदिवासियों को हिन्दू न मानने वालों को मुंह तोड़ जवाब देती है। ऐसी दिग्गज आदिवासी महिला का नाम द्रौपदी मुर्मू है, जो आज देश के सर्वोच्च पद की रेस जीत चुकी हैं। तो आइए एक नजर उनके अब तक के सफर पर डालते हैं –

20 जून 1958 को हुआ था द्रौपदी मुर्मू का जन्म (Draupadi Murmu a Janm)

ओडिशा के मयूरभंज जिले (Mayurbhanj district of Odisha) के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव के एक संथाल आदिवासी परिवार से आने वाली द्रौपदी मुर्मू (BJP Female leader Draupadi Murmu) का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टूडु था। वह ओडिसा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित रमादेवी वुमेंस कॉलेज से स्नातक हैं। उनके पति श्याम चरण मुर्मू अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनकी एक बेटी है इतिश्री मुर्मू, जिसका विवाह हो चुका है।

सियासी सफर की शुरूआत (Draupadi Murmu Political career)

64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू (BJP Female leader Draupadi Murmu) ने अपने कैरियर की शुरूआत एक शिक्षक के तौर पर की थी। लेकिन बहुत जल्द वह सियासत में भी सक्रिय हो गईं। साल 1997 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में पर्दापण किया। इसी वर्ष वह पार्षद बनीं और रायरंगपुर की वायस चेयरपर्सन नियुक्त की गईं। इसके बाद वह सियासत में लगातार ऊपर चढ़ती रहीं। वह ओडिसा में दो बार बीजेपी के टिकट पर विधायक चुनी गईं। उन्हें 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मुर्मू 2000 – 2004 तक ओडिसा की बीजेडी और बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री रह चुकी हैं।

ओडिशा में बीजेपी के सत्ता से बाहर होने के बाद मुर्मू  संगठन में काफी सक्रिय रहीं। 2010 में उन्होंने मयूरभंज (पश्चिम) से बीजेपी की जिला अध्यक्ष की कमान संभाली। इसके बाद 2013 से 2015 तक बीजेपी की एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की सदस्य रही। संगठन में उनके योगदान को देखते हुए 2015 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल बना दिया गया। 2015-2021 के बीच वह झारखंड की गवर्नर रही हैं। मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल के साथ – साथ अपना कार्य़काल पूरा करने वाली पहली राज्यपाल थीं।

Tags:    

Similar News