Presidential Election 2022: पीएम के विदेश दौरे से पहले भाजपा खोलेगी पत्ते, सर्वसम्मत उम्मीदवार मुश्किल

Presidential Election 2022: पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जी-7 समिट में जाने से पहले एनडीए उम्मीदवार के नाम की घोषणा की जाएगी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-06-20 06:39 GMT

पीएम के विदेश दौरे से पहले भाजपा खोलेगी पत्ते (photo: social media )

Presidential Election 2022: देश में राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) के लिए भाजपा (BJP) अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कई दलों के नेताओं से संपर्क किया है मगर सर्वसम्मत उम्मीदवार पर सहमति बनने की संभावनाएं नहीं दिख रही हैं। यही कारण है कि भाजपा अब एनडीए के उम्मीदवार की घोषणा करके उसे जिताने की रणनीति बनाने में जुट गई है। नड्डा के आवास पर रविवार को हुई पार्टी की बैठक में पार्टी की रणनीति पर गहराई से मंथन किया गया।

पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के जी-7 समिट में जाने से पहले एनडीए उम्मीदवार के नाम की घोषणा की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी 26 से 28 जून तक जर्मनी में रहेंगे और ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी 25 जून तक राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर अपने पत्ते खोल देगी। पार्टी की ओर से 14 सदस्यीय प्रबंधन कमेटी का गठन पहले ही किया जा चुका है। प्रबंधन कमेटी के सदस्यों को अलग-अलग राज्यों पर निगाह रखने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

25 तक पत्ते खोल देगी भाजपा

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच दो-दो हाथ होने की बिसात बिछ चुकी है। भाजपा को अब राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार पर सर्वसम्मति बनने की संभावनाएं नहीं दिख रही हैं। यही कारण है कि पार्टी ने अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। नड्डा और राजनाथ ने राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में विपक्ष के कई बड़े नेताओं के साथ चर्चा तो की है मगर इस बातचीत के सकारात्मक नतीजे नहीं निकले हैं। इसलिए पार्टी एनडीए के उम्मीदवार को लेकर मंथन में जुट गई है। माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से दलित,आदिवासी या मुस्लिम समीकरण साधने की कोशिश की जा सकती है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी के जर्मनी दौरे से पहले एनडीए उम्मीदवार की घोषणा की जा सकती है। पीएम मोदी का 26 से 28 जून तक जर्मनी के दौरे का कार्यक्रम है। ऐसे में पार्टी 25 जून तक राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की मंजूरी के बाद एनडीए के उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी पिछली बार की तरह इस बार भी राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम को लेकर सबको चौंका सकते हैं।

सत्तारूढ़ खेमे में इसलिए उत्साह

राष्ट्रपति चुनाव में सत्ता पक्ष के पास करीब 49 फ़ीसदी मत हैं मगर इसके बावजूद सत्ता पक्ष में तनिक भी घबराहट नहीं दिख रही है। इसका कारण यह है कि भाजपा नेतृत्व को बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन मिलने की पूरी उम्मीद है। अभी तक यह दोनों दल कई नाजुक मौकों पर एनडीए का साथ देते रहे हैं और राष्ट्रपति चुनावों में भी इन दोनों दलों का समर्थन एनडीए को ही मिलने का पूरा भरोसा है। इन दोनों दलों के समर्थन के बाद सत्ता पक्ष विपक्ष पर भारी पड़ेगा और एनडीए उम्मीदवार की जीत तय हो जाएगी।

ममता की बैठक में नहीं मिली कामयाबी

दूसरी ओर विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए को दमदार चुनौती देने की कोशिश में जुटा हुआ है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों इस सिलसिले में विपक्षी नेताओं की बैठक भी बुलाई थी। हालांकि इस बैठक में विपक्ष के उम्मीदवार पर सहमति नहीं बन सकी। एनसीपी मुखिया शरद पवार के नाम पर सभी दलों के बीच सहमति थी मगर पवार ने विपक्षी दलों का यह आग्रह विनम्रतापूर्वक ठुकरा दिया है। पवार अभी सक्रिय राजनीति में बने रहना चाहते हैं और इसी कारण में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है।

पवार के अलावा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के नाम पर भी चर्चा हुई थी मगर वे भी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है। उनका कहना है कि वे अभी जम्मू-कश्मीर के मामलों को लेकर सक्रिय बने रहना चाहते हैं। ऐसे में ममता की ओर से बुलाई गई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका।

अब पवार की बैठक पर सबकी निगाहें

अब सबकी निगाहें एनसीपी के मुखिया शरद पवार की ओर से कल बुलाई गई बैठक पर टिकी हुई हैं। शरद पवार ने कल होने वाली बैठक के लिए विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को न्योता भेजा है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी। ममता की जगह उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के इस बैठक में भाग लेने की संभावना है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ममता की नाराजगी की बात भी सामने आई है। वैसे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने अभी तक इस बाबत अधिकृत तौर पर कोई बयान नहीं दिया है।

ममता की ओर से बुलाई गई पिछली बैठक में आम आदमी पार्टी, बीजू जनता दल, एआईएमआई एम, टीआरएस और अकाली दल ने हिस्सा नहीं लिया था। शरद पवार की कल होने वाली बैठक में भी इन दलों के भाग लेने की संभावना नहीं दिख रही है। ऐसे में विपक्ष चुनावी अखाड़े में कूदने से पहले ही बंटा हुआ नजर आ रहा है।

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