Presidential Election 2022: ममता की अहम बैठक आज, पवार के इनकार के बाद गोपाल कृष्ण गांधी का नाम चर्चा में

Presidential Election 2022: अब शरद पवार की जगह पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी का नाम उछला है। विपक्ष की ओर से कुछ और नामों पर भी विचार किया जा रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-06-15 08:35 IST

ममता बनर्जी-शरद पवार-गोपाल कृष्ण गांधी (photo: social media )

Presidential Election 2022: देश राष्ट्रपति चुनाव के लिए गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस चुनाव में विपक्ष का उम्मीदवार तय करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)  ने आज महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। दिल्ली (Delhi) के कांस्टिट्यूशन क्लब में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक (Meeting)  में कांग्रेस (Congress) समेत विपक्षी दलों के कई महत्वपूर्ण नेता हिस्सा लेंगे। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए ममता बनर्जी मंगलवार को ही दिल्ली पहुंच चुकी हैं और उन्होंने विपक्ष के नेताओं से संपर्क भी साधा है।

विपक्ष के सामने सबसे बड़ी दिक्कत किसी सर्वमान्य चेहरे को तय करने की है। विपक्षी दलों में एनसीपी के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) के नाम पर रजामंदी दिख रही थी मगर पवार ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का ममता का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। ममता ने मंगलवार को दिल्ली पहुंचते ही पवार से मुलाकात की थी और इस मुलाकात के दौरान पवार ने अपना रुख स्पष्ट तौर पर बता दिया है। ऐसे में अब पवार की जगह पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी (Gopal Krishna Gandhi) का नाम उछला है। विपक्ष की ओर से कुछ और नामों पर भी विचार किया जा रहा है।

विपक्षी दलों में एकजुटता नहीं

वैसे ममता की ओर से बुलाई गई बैठक को लेकर विपक्षी दलों में एकजुटता नहीं दिख रही है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा महासचिव डी राजा ममता की इस बैठक को लेकर पहले ही आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने इस बैठक को एकतरफा बताते हुए कहा है कि बिना चर्चा के इस तरह की बैठक बुलाने से विपक्षी दलों में गलतफहमी पैदा होगी।

येचुरी और राजा दोनों नेताओं ने कहा है कि आज होने वाली बैठक में शीर्ष नेतृत्व हिस्सा नहीं लेगा। माकपा की ओर से इस बैठक में राज्यसभा में पार्टी के नेता ई करीम हिस्सा लेंगे। वैसे वामपंथी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक पार्टियों के एकजुट रहने पर जोर दिया है। इससे संकेत मिला है कि विपक्ष के सर्वसम्मत उम्मीदवार पर वामदल भी अपना समर्थन देने को तैयार हैं। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि ममता ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ठोस पहल की है और उनकी बैठक जरूर कामयाब होगी।

कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेता लेंगे बैठक में हिस्सा

वैसे ममता के लिए राहत की बात यह है कि कांग्रेस ने बैठक में हिस्सा लेने पर रजामंदी जाहिर कर दी है। पार्टी के तीन वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला ममता की ओर से बुलाई गई इस बैठक में हिस्सा लेंगे। कोरोना के कारण सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ममता बनर्जी से भी टेलीफोन पर बातचीत की थी।

सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर विपक्षी दलों से समन्वय की जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप रखी है। खड़गे ने पवार समेत कुछ नेताओं से इस बाबत चर्चा भी की है। हाल के दिनों में कांग्रेस और ममता के बीच खींचतान के बावजूद कांग्रेस का बैठक में भाग लेने का फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

ममता के मनाने पर भी नहीं माने पवार

वैसे अब यह पूरी तरह साफ हो गया है कि एनसीपी के मुखिया शरद पवार राष्ट्रपति चुनाव के अखाड़े में नहीं कूदेंगे। उन्होंने दो दिन पूर्व मुंबई में एनसीपी नेताओं की बैठक कोई में अपना रुख साफ कर दिया था। उनका कहना था कि वे यह चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं। मंगलवार को दिल्ली पहुंचने के बाद ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर पवार को मनाने की कोशिश की मगर पवार चुनाव न लड़ने के अपने रुख पर कायम रहे।

जानकारों का कहना है कि पवार ऐसे मुकाबले में उतरने के इच्छुक नहीं है जिसमें हार होनी तय है। पवार को सियासत का माहिर खिलाड़ी माना जाता है और पवार इस बात को बखूबी जानते हैं कि एनडीए अपने उम्मीदवारों को राष्ट्रपति बनाने में कामयाब होगा। ऐसे में वे राष्ट्रपति चुनाव लड़कर हार का मुंह नहीं देखना चाहते।

अब गोपाल कृष्ण गांधी का नाम उछला

ममता की ओर से आज बुलाई गई बैठक में विपक्ष के चेहरे पर गहराई से मंथन किया जाएगा। वैसे विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी का नाम उछला है। शरद पवार के चुनाव लड़ने से मना करने के बाद विपक्ष के कुछ नेताओं ने गांधी से संपर्क साधा है। गोपाल कृष्ण गांधी 2017 में वेंकैया नायडू के खिलाफ उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

सूत्रों का कहना है कि विपक्ष के नेताओं ने गांधी से विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार बनने की अपील की है। गांधी ने इस बाबत बुधवार को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। हालांकि उनका रुख अभी तक सकारात्मक माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक गांधी के अलावा कुछ और नामों पर भी चर्चा की जा रही है और ऐसे नेताओं से अंदरखाने संपर्क साधा जा रहा है। वैसे राष्ट्रपति चुनाव में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला,पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का नाम भी उछला हुआ है।

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