Presidential Elections 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान आज, NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू की जीत तय

Presidential Elections 2022: मुर्मू जीत हासिल करने में कामयाब रहीं तो वे इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-07-18 02:45 GMT

द्रौपदी मुर्मू-यशवंत सिन्हा (फोटो: सोशल मीडिया )

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Presidential Elections 2022 18 July: देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज होने वाले मतदान में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के बीच मुकाबला होगा। इस चुनाव में मुर्मू को अभी तक 27 दलों का समर्थन हासिल हो चुका है। इस कारण उनकी बड़ी जीत तय मानी जा रही है। 21 जुलाई को होने वाली मतगणना से पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। यदि मुर्मू जीत हासिल करने में कामयाब रहीं तो वे इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होने वाला है। नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 4800 निर्वाचित सांसद और विधायक मतदान में हिस्सा लेंगे। संसद परिसर और राज्यों की विधानसभाओं में होने वाला मतदान सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक चलेगा। नए राष्ट्रपति का शपथग्रहण समारोह 25 जुलाई को आयोजित होगा।

यशवंत के मुकाबले मुर्मू मजबूत

राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने विभिन्न राज्यों का दौरा किया है। वैसे इस चुनाव में मुर्मू की जीत तय मानी जा रही है क्योंकि उन्हें 27 दलों का समर्थन हासिल हो चुका है। इन 27 दलों के मतों की कुल संख्या 6.65 लाख है।

दूसरी ओर विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 14 दलों ने समर्थन देने की घोषणा की है और इन दलों के सम्मिलित वोट करीब 3.62 लाख ही हैं। पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही थी मगर कई क्षेत्रीय दलों ने मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा करके उनकी स्थिति मजबूत बना दी है।

मुर्मू को मिला इन दलों का समर्थन

एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को एनडीए के घटक दलों के अलावा कई क्षेत्रीय दलों का समर्थन भी हासिल है। कई राज्यों में तो विपक्ष के सहयोगी दलों ने भी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। मुर्मू को एनडीए के घटक दलों के अलावा बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, बसपा, टीडीपी एआईडीएमके, जदएस, शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल और सुभासपा ने समर्थन देने की घोषणा की है। कई क्षेत्रीय दलों के मुर्मू के समर्थन में आ जाने के कारण ही विपक्ष बड़ी चुनौती देने में पिछड़ गया है।

हालत यह हो गई है कि विपक्ष की बैठक में सिन्हा के नाम पर मुहर लगाने वाले कई दलों ने भी अंतिम समय में मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर दी। ऐसे में द्रौपदी मुर्मू की स्थिति विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के मुकाबले काफी मजबूत मानी जा रही है। दूसरी ओर विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को कांग्रेस, वामदलों, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राजद, सपा, एनसीपी, रालोद, टीआरएस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और केरल कांग्रेस एम का समर्थन हासिल है।

कई राज्यों में क्रॉसवोटिंग की आशंका

कई राज्यों में क्रॉसवोटिंग से भी मुर्मू को बड़ा फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है। झारखंड में कांग्रेस के कुछ विधायकों ने मुर्मू के पक्ष मं, वोट देने की बात कही है। भाजपा को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस में भी क्रॉसवोटिंग होने की उम्मीद है। कुछ और राज्यों में भी क्रॉसवोटिंग की आशंका जताई जा रही है। गोवा में कांग्रेस को अपने विधायकों के छिटकने का डर सता रहा है।

उत्तर प्रदेश में सपा के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने पहले ही द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश में राजा भैया ने भी मुर्मू के ही समर्थन में वोट देने की बात कही है। भाजपा को भी चुनाव में क्रॉसवोटिंग का डर सता रहा है और इसी कारण पार्टी ने महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में अपने विधायकों को होटलों में शिफ्ट कर दिया है। होटलों से ही विधायक मतदान करने के लिए विधानसभा पहुंचेंगे।

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