कोरोना पर बड़ी जीत: एक महीने में टेस्ट किट बेचेंगी प्राइवेट कंपनियां, कीमत बहुत कम
कोरोना वायरस को देखते हुए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने कुल 18 कंपनियों को COVID-19 डायग्नोस्टिक टेस्ट करने की मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस को देखते हुए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने कुल 18 कंपनियों को COVID-19 डायग्नोस्टिक टेस्ट करने की मंजूरी दे दी है। इसमें भारत और विदेशों की कंपनियां शामिल हैं। 18 में से अधिक कंपनियों ने इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से भी मंजूरी मांगी हैं। इसके बाद अगले 1 महीने में COVID-19 टेस्ट किट को कॉमर्शियल तरीके से बाजार में भेजा जाएगा।
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500-700 रुपये में उपलब्ध हो सकेंगे टेस्ट किट
त्रिविट्रॉन हेल्थेकयर के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक जीएसके वेलु ने कहा कि, ''DGCI और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वीरोलॉजी, पुणे से मंजूरी मिलने के बाद उनकी कंपनी कॉमर्शियल तौर पर कोरोना वायरस के लिए टेस्ट किट बेच सकेंगी। अगले 3 सप्ताह में ये किट बाजार में उपलब्ध हो जाएंगे, जिनकी कीमत 500-700 रुपये होगी।''
उन्होंने कहा कि ''यह PCR प्लेटफॉर्म पर निर्भर करेगा कि एक लैब में 100 से 1000 टेस्ट प्रतिदिन किए जा सके। पीसीआर प्लेटफॉर्म वायरस टेस्टिंग के लिए एक तरह का गोल्ड टेस्टिंग प्लेटफॉम होता है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी के पास एक दिन में 5 लाख से 7 लाख टेस्ट करने क्षमता है। यह सुविधा चेन्नाई में उपलब्ध है, जहां तीन शिफ्ट में यह टेस्टिंग की जा सकेगी।''
निजी क्षेत्र की एक अन्य कंपनी Roche Diagnostic India को पहले भी SARS, Cobas और COV-2 की टेस्टिंग के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन से लाइसेंस मिल चुका है। कंपनी के प्रबंध निदेशक डॉ श्रवण सुब्रमण्यम ने कहा कि ''उनकी कंपनी को अभी तक कोरोना वायरस टेस्टिंग के लिए लाइसेंस मिलने का इंतजार है।''
3 घंटे के अंदर रिजल्ट देने का दावा
रोशे डायग्नोस्टिक इंडिया को Cobas, SARS, COV-2 के लिए टेस्ट किट्स की सीमित संख्या में आयात करने की मंजूरी है ताकि प्रोडक्ट परफॉर्मेंस इवैल्युएशन किया जा सके। इस इवैल्यूएशन की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद कंपनी को भारत में टेस्ट की मंजूरी मिल सकती है। कंपनी ने कहा है कि ''उसके किट तीन घंटों के अंदर रिजल्ट दे सकते हैं।''
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प्राइवेट लैब्स को बेचे जाएंगे टेस्ट किट
इन सभी कंपनियों द्वारा तैयार किए गए किट को प्राइवेट डायग्नोस्टिक चेन जैसे डॉ लाल पैथ लैब्स, SRL डायग्नोस्टिक एंड मेट्रोपॉलिस हेल्थकेयर को बेचा जाएगा। इसके बाद कम्युनिटी लेवल पर वायरस की टेस्टिंग की जा सके।
प्राइवेट लैबोरेटरीज द्वारा टेस्टिंग प्रक्रिया शुरू होने के बाद रिपोर्ट आने का समय बेहद कम हो जाएगा। अगर ऐसा होता है तो वर्तमान में 2 से 3 की तुलना में मरीजों को टेस्टिंग के 2।-5-5 घंटे के अंदर रिपोर्ट दी जा सकेगी। आपको बता दें कि गुरुवार को ICMR ने 51 लैबोरेटरीज को नॉवल कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए बुलाया था।
सरकारी लैब में भी टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने पर जोर
अब सरकार अपनी टेस्टिंग क्षमता को भी बढ़ाकर 121 करने की तैयारियों में जुटी हुई है, जिसे इस सप्ताह के अंत तक पूरा कर दिया जाएगा। इसमें मौजूदा 72 लेब्स के अलावा 49 अन्य लैब भी शामिल होंगे।
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