लखनऊ: राजधानी समेत देश भर के निजी स्कूलों ने 12 अक्टूबर को ब्लैक डे मनाने का फैसला किया है। ये स्कूल अनएडेड प्राइवेट स्कूल संगठनों के अखिल भारतीय संघ ‘नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलाइंस’ (नीसा) के बैनर तले निजी स्कूलों ने काला दिवस मनाने का फैसला किया है। इसके साथ ही उस दिन ये सभी स्कूल पीएम मोदी को संबोधित करते हुए अपनी समस्या और मांगों का एक पत्र भी भेजेंगे।
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टीचरों और कर्मचारियों का न हो साइको टेस्ट
नीसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि वर्तमान में केंद्र और राज्य की सरकारों ने बच्चों की सुरक्षा का प्लान बनाते बनाते टीचरों को संकट में डाल दिया है। पहले तो स्कूल में बच्चे के साथ कोई घटना होने पर प्रिंसपल और टीचर्स को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए मुकदमा दर्ज करने की नीति पर काम होने लगा।
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इससे भी जब सरकार का मन नहीं भर रहा तो अब टीचर्स और कर्मचारिेयों के साइकोमेट्री टेस्ट की तैयारी कर रही है। इसके अलावा पुलिस वेरीफिकेशन को जबरन थोपा जा रहा है। हम इसका विरोध करेंगे।
टीचर्स की नियुक्ति के नियमों से बंद हो जाएंगे कई स्कूल
नीसा के सचिव पार्थ शाह ने कहा कि सरकार ने निजी स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति के जो नियम बनाए हैं, उसके चलते कई स्कूलों में तैनात तजुर्बेदार शिक्षकों की नौकरी पर संकट छा गया है। इसके चलते कई टीचर बेरोजगारी की कगार पर पहुंच गए हैं। हमारे स्कूल कम खर्च पर गुणवत्ता परक शिक्षा दे रहे हैं। लेकिन दिन प्रतिदिन सख्त होते जा रहे मानकों को पूरा करने में असमर्थ हैं।
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इससे तो हमारे स्कूल बंद हो जाएंगे और फिर समाज में सिर्फ महंगी शिक्षा देने वाले चंद स्कूल ही बचेंगे। अभिभावकों को भी उनके हिसाब से ही चलना पड़ेगा। हम इसके लिए सरकार की इन नीतियों का विरोध करने का काम करेंगे।
12 अक्टूबर को देश भर में हमारे संगठन के सदस्य स्कूल के सभी कर्मचारी हाथ पर काला रिबन बांध कर काम करेंगे और अपना ज्ञापन पीएम मोदी को भेजेंगे। अगर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।