धर्म परिवर्तन से हिला रांची, कई लोगों ने अपनाया इसाई धर्म
ताज़ा मामला राजधानी रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र से जुड़ा है। यहां कथित तौर पर 10 युवकों द्वारा इसाई धर्म अपनाने का मामला सामने आया है।
झारखंड आदिवासी बहुल्य राज्य है। सरना धर्म को मानने वालों के साथ ही मसीही समाज के लोगों की तादाद भी काफी ज्यादा है। चर्च पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि, ग़रीब आदिवासियों का जबरन या फिर प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है। हालांकि, चर्च की ओर से लगातार इसका खंडन भी किया जाता रहा है।
रांची में धर्म परिवर्तन का मामला
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ताज़ा मामला राजधानी रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र से जुड़ा है। यहां कथित तौर पर 10 युवकों द्वारा इसाई धर्म अपनाने का मामला सामने आया है। वीरेंद्र बेदिया, दिनेश बेदिया, सूरज बेदिया, गंगा बेदिया, राजेश बेदिया, मजेंद्र नायक, भुवनेश्वर बेदिया और श्याम नायक ने सरना धर्म को छोड़कर इसाई धर्म अपना लिया है। धर्म परिवर्तन करने वाले दिनेश कुमार बेदिया ने इस बात को स्वीकार किया है कि, बाइबिल के कथनों के प्रचार-प्रसार को लेकर वे लोग एक-दूसरे से मिलते हैं। हालांकि, स्थानयी स्तर पर कोई गिरिजा घर नहीं है।
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लिहाज़ा, एक दूसरे के घरों में जाकर वचन का पाठ करते हैं। युवकों द्वारा कथित तौर पर धर्म परिवर्तन की बात से परिवार वाले अनजन नहीं हैं। परिवार वाले भी युवकों के इस क़दम से हैरान-परेशान हैं। धनेश्वर बेदिया की मानें तो उन्हें इस बात का यक़ीन नहीं आ रहा है कि, उनके भाई ने अपना धर्म छोड़ दिया है। मसीही धर्म अपनाने वाले परिवार की एक महिला सीता देवी ने बताया कि, उन्हे भी धर्म परिवर्तन को लेकर संदेश दिया गया था। झाड़-फूंक की वजह से उन्हे कई तक़लीफों से निजात भी मिली है लेकिन उन्होने मसीही धर्म मानने से इनकार कर दिया।
मुखिया ने बुलाई बैठक
ओरमांझी प्रखंड की मुखिया सीता देवी कहती हैं कि, सभी को अपना-अपना धर्म मानने की आज़ादी है। युवकों द्वारा मसीही धर्म अपनाने का मामला उनके सामने आया था। इसके बाद उन्होंने बैठक भी बुलाई लेकिन कथित तौर पर धर्म अपनाने वाले युवक बैठक में शामिल नहीं हुए। लिहाजा, युवकों ने किस वजह से धर्म परिवर्तन किया है इस बाबत पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है।
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मुखिया ने कहा कि, अगर युवकों को कोई समस्या है तो उसका समाधान किया जाएगा। गांव के जितेंद्र बेदिया कहते हैं कि, बिना प्रलोभन के युवकों ने धर्म परिवर्तन नहीं किया है। संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देकर धर्म अपनाने की बात कहते हैं। इससे साफ है कि, युवकों को ट्रेनिंग दी गई है।
धर्म परिवर्तन और राजनीति
झारखंड में धर्म परिवर्तन बर्निंग इश्यू रहा है। प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन पर कानून रोक है। इसे लेकर पूर्ववर्ती रघुवर दास के शासन काल में झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक 2017 पारित किया गया। इसके मुताबिक किसी व्यक्ति को बलपूर्वक, कपट से या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन नहीं कराया जा सकता है। ऐसा करने पर 3 साल की सज़ा या 50 हज़ार रूपए का जुर्माना या फिर दोनों लगाया जा सकता है।
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जबरन धर्म परिवर्तन कराना ग़ैर ज़मानती अपराध माना गया है। झारखंड में धर्म परिवर्तन को लेकर सियासत हावी रही है। प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश कहते हैं कि, झारखंड में नई सरकार आने के बाद से धर्म परिवर्तन काफी तेज़ी से बढ़ा है। धर्म परिवर्तन कराने के पीछे कौन लोग हैं ये झारखंड की जनता जानती है। उन्होने कहा कि, धर्म परिवर्तन की आड़ में झारखंड की संस्कृति नष्ट की जा रही है। लिहाजा, भाजपा पुरज़ोर तरीके से इसका विरोध करेगी।
रिपोर्ट- शहनवाज़