PUBG: क्या है यह खूनी खेल जिसने लील ली कई जानें, इस ऑनलाइन गेम के कारण लोगों को हो जाता है डिप्रेशन
बच्चों में पबजी गेम खेलने की लत दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इसका बुरा असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। गेम बच्चे में हिंसक व्यवहार पैदा करता है। लखनऊ वाली घटना ताजा उदाहरण है।
PUBG Case : बच्चों में पबजी ऑनलाइन गेम खेलने (PUBG Online Game) की लत दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। इसका बुरा असर उनके मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर पड़ने लगा है। इस गेम की वजह से बच्चे हिंसक व्यवहार (Child Violent Behavior) करने लगे हैं। ताजा उदाहरण, लखनऊ से सामने आया है। जहां पबजी गेम खेलने से रोकने पर एक 16 वर्षीय बच्चे ने अपनी ही मां को गोली मार दी। हत्या के दो दिन बाद तक बेटा और बेटी ने किसी को भी घटना की भनक नहीं लगने दी। इस मामले पर डॉक्टरों का कहना है कि इस गेम की वजह से बच्चे मानसिक तौर पर बीमार हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ वाले मामले में बेटे ने मां की लाश से उठने वाले दुर्गंध को लेकर भी मनगढ़ंत कहानी सुनाई। लेकिन, घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को बरामद कर जब नाबालिग से कड़ी पूछताछ की, तो उसने बताया कि पबजी गेम खेलने (Play Pubg Games) से मना करने पर उसने ही अपनी मां की हत्या कर दी। विशेषज्ञ कहते हैं कि, इस गेम के कारण एक तरफ बच्चे डिप्रेशन (Depression) में जा रहे हैं, वहीं उनके अंदर कई अन्य तरह की मानसिक विकृतियां (Mental Disorders) पैदा हो रही हैं।
केंद्र सरकार ने लगाया था प्रतिबंध, 10 महीने बाद ही वापसी
बता दें कि, लखनऊ वाला मामला देश में पहला नहीं है। इससे पहले भी कई केस सामने आ चुके हैं। सितंबर 2020 में केंद्र सरकार ने पबजी समेत 106 एप्स पर यह कहकर बैन लगा दिया था कि ये देश की अखंडता और संप्रभुता (Integrity And Sovereignty) के लिए खतरा हैं। बावजूद, 10 महीने बाद ही पबजी की फिर वापसी हो गई। देखते ही देखते एक बार फिर बच्चों और युवाओं में इसका क्रेज बढ़ने लगा। नतीजा आपके सामने है।
J&K: फिटनेस ट्रेनर का मानसिक संतुलन बिगड़ा
आज से 3 साल पहले ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) की दुनिया के सबसे सबसे पॉपुलर गेम माने जाने वाले 'पबजी' की वजह से जम्मू-कश्मीर के एक फिटनेस ट्रेनर को अस्पताल में एडमिट करना पड़ा था। हुआ यूं कि, यह ट्रेनर लगातार 10 दिनों तक पबजी खेलता रहा। इस वजह से उसके दिमाग पर इस गेम का असर इस कदर हावी हुआ कि उसने अपना मानसिक संतुलन खो दिया। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जम्मू-कश्मीर (PUBG Case In Jammu and Kashmir) में पबजी गेम की वजह से इस तरह का ये अकेला मामला नहीं था। उस वक्त करीब 6 ऐसे गंभीर मामले सामने आए थे। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलकर इस गेम पर बैन लगाने की मांग की थी।
Bihar : पबजी का आदी, लगाई फांसी
पिछले महीने बिहार के खगड़िया जिले से आत्महत्या का एक मामला सामने आया। खबर आई कि एक 18 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। तफ्तीश में पता चला कि मृतक आशीष पबजी गेम खेलने का आदी था। परिवार वालों के लाख मना करने के बावजूद वह लगातार पबजी खेलता रहता था। इसी गेम के चक्कर में उसने आत्महत्या कर ली।
Gujarat : बाथरूम में दी जान
यह वाकया भी बीते महीने 15 मई की है। यह घटना राजकोट (Pubg Case Rajkot) जिले के यूनिवर्सिटी रोड थाना अंतर्गत की है। यहां रहने वाले एक 17 वर्षीय युवक ने अपने घर में आत्महत्या (Suicide) कर ली थी। कथित तौर पर उसे PUBG गेम का चस्का लगा हुआ था। मृतक युवक का नाम आनंद अग्रवाल बताया गया। आनंद ने अपने कमरे में बाथरूम की ग्रिल पर दुपट्टे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। बताया जाता है, उक्त युवक एक दुकान में काम करता था। आनंद की मां ने उसे बाथरूम जाते देखा। जब वह बहुत देर तक बाहर नहीं आया, तो उसकी मां ने दरवाजा खटखटाया। इतने के बाद भी जब आनंद ने दरवाजा नहीं खोला तो मां को शक हुआ। जब आनंद के मोबाइल पर कई बार कॉल किया। उसने जवाब नहीं दिया। बाद में आसपास के लोगों दरवाजा तोड़ा तो उसकी लाश दुपट्टे से झूलती मिली।
Uttarakhand : पबजी के लिए मोबाइल नहीं मिलने पर जान दी
पबजी गेम से ही जुड़ा एक मामला 25 मई 2022 का है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में महज 13 साल के बच्चे में पबजी गेम के लिए मोबाइल न दिए जाने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक छात्र सातवीं कक्षा में पढ़ता था। इतनी काम उम्र में छोटी सी बात पर इस तरह के कदम उठाने से हर कोई हैरान है। पिथौरागढ़ जिले की तहसील बंगापानी अंतर्गत आने वाले दाखिम गांव में पबजी खेलने के लिए मोबाइल फोन नहीं देने से नाराज अंकित ने गले में रस्सी का फंदा डालकर जान दे दी। बताया जाता है इस बच्चे को पबजी की बुरी लत थी।
ये घटनाएं तो महज उदाहरण हैं। ऐसे अनगिनत मामले हैं, जिसमें कई किशोरों ने अपनी जान दे दी। सबकी केंद्र में पबजी गेम ही रहा है। हालांकि, आए दिन समाचार माध्यमों से ऐसी ख़बरें हम तक पहुंचती जरूर हैं, लेकिन लखनऊ हत्याकांड ने एक बार फिर आम जान को झकझोड़ कर रख दिया है। अपने बच्चों को इस तरह जान-गंवाते देख एक बार फिर इस गेम पर प्रतिबन्ध की मांग तेज हो चली है।