Pulwama Attack: पुलवामा आतंकी हमले की आज चौथी बरसी, 40 जांबाज हुए थे शहीद

Pulwama Attack: काफिले में सुरक्षाबलों के 70 से अधिक वाहन थे। इस हमले को जम्मू कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तान पोषित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-02-14 08:25 IST

Pulwama Attack  (photo: social media )

Pulwama Attack: आज ही के दिन 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। आतंकी ने विस्फोटकों से लदे एक वाहन को काफिले में शामिल बस से टकरा दिया था। इस वीभत्स हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। जानकारी के मुताबिक, काफिले में सुरक्षाबलों के 70 से अधिक वाहन थे। इस हमले को जम्मू कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तान पोषित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था।

पुलवामा के अवंतीपोरा में जिस आतंकवादी ने विस्फटकों से भरी कार को जवानों के बस से टकराया था, उसकी पहचान जैश आतंकी आदिल अहमद डार के रूप में हुई। सुरक्षा एजेंसियों ने उसके बॉडी के अवशेषों से उसके बारे में पता लगाया था। इस आतंकी हमले के लिए 80 किलो हाई-ग्रेड आरडीएक्स विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था।

परमाणु संघर्ष की आ गई थी नौबत

पुलवामा हमले को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया था। भारत ने इसका बदला लेते हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया था। इस एयरस्ट्राइक में पाकिस्तान के बालाकोट में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया था। हालांकि, पाकिस्तान ने दुनिया के सामने कभी इसे नहीं स्वीकारा। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने हाल ही में पब्लिश हुई अपनी किताब में दावा किया है कि इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु संघर्ष की नौबत आ गई थी।

सीआरपीएफ कर रहा आज विशेष आयोजन

पुलवामा हमले की चौथी बरसी पर सीआरपीएफ के लेथपोरा कैंप में स्थित शहीद स्मारक पर 40 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। सीआरपीएफ जम्मू कश्मीर के स्पेशल डीजी दलजीत सिंह चौधरी भी शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे। इसके अलावा एक रक्तदान शिविर के साथ विशेष हथियारों की प्रदर्शऩी भी लगाई जाएगी।

बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले की पहली बरसी पर सीआरपीएफ के लेथपोरा कैंप में शहीद स्मारक का उद्घाटन किया गया था। सीआरपीएफ की 185वीं बटालियन कैंप में स्थापित इस स्मारक में उन सभी 40 शहीद जवानों की तस्वीर के साथ उनके नाम और सीआरपीएफ का ध्येय वाक्य सेवा और निष्ठा भी अंकित किया गया है।

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