फिर नजरबंद हुए उमर और फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती के पुलवामा जाने पर रोक

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'यह ' अगस्त 2019 के बाद का नया जम्मू-कश्मीर' है। बिना कुछ बताए हमें अपने घरों में बंद कर दिया गया है।

Update:2021-02-14 12:20 IST
उमर अब्दुल्ला के घर के सामने एक मोबाइल सिक्योरिटी वाहन खड़ा कर दिया गया है। वह गुलमर्ग जाने वाले थे जबकि उनके पिता फारूक को गांदरबल क्षेत्र का दौरा करना था।

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में हुए पुलवामा हमले के आज दो साल पूरे हो गए हैं। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। 14 फरवरी 2019 के दिन ये हमला हुआ था।

जम्मू-कश्मीर में रविवार को सुरक्षा के तगड़े इतंजाम किये गये हैं। कई प्रमुख स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को श्रीनगर में उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है। ये जानकारी खुद उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करके दी है।

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पुलवामा हमला (फोटो:सोशल मीडिया)

उमर अब्दुल्ला के घर के सामने एक मोबाइल सिक्योरिटी वाहन तैनात

प्राप्त जानकारी के अनुसार उमर अब्दुल्ला के घर के सामने एक मोबाइल सिक्योरिटी वाहन खड़ा कर दिया गया है। उमर आज गुलमर्ग जाने वाले थे जबकि उनके पिता फारूक अब्दुल्ला को कश्मीर घाटी के गांदरबल क्षेत्र का दौरा करना था।

पुलिस ने एक बयान में कहा कि पुलवामा हमले की बरसी के चलते यह कदम उठाया गया है। वहीं पूर्व सीएम और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती को शनिवार को पुलवामा जाने की परमिशन नहीं दी गई।

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फिर नजरबंद हुए उमर और फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती के पुलवामा जाने पर रोक(फोटो:सोशल मीडिया)

उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कही ये बात

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'यह ' अगस्त 2019 के बाद का नया जम्मू-कश्मीर' है। बिना कुछ बताए हमें अपने घरों में बंद कर दिया गया है। यह बहुत बुरी बात है कि उन्होंने मेरे सांसद पिता और मुझे अपने ही घर में कैद कर दिया गया है।

इसी तरह मेरी बहन और उनके बच्चों को उन्हीं के घर में बंद कर रखा गया है।' उमर अब्दुल्ला ने कहा, चलो, आपके लोकतंत्र के नए मॉडल का मतलब है कि बिना किसी स्पष्टीकरण के हम अपने घरों में बंद रखा जाता है।

लेकिन घर में काम करने वाले स्टाफ को भी काम करने के लिए घर में आने की इजाजत नहीं दी जा रही है, और फिर आप ताजुब्ब करेंगे कि मैं अब भी नाराज हूं।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पिछले साल 24 मार्च को नजरबंदी से रिहा होने के बाद अपने घर पहुंचे थे। उमर को 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही कस्टडी में लिया गया था।

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