Pune Strike: मराठा संगठनों ने बुलाया पुणे बंद, छत्रपति शिवाजी पर राज्यपाल की टिप्पणी से हैं नाराज
Pune Strike:संभाजी ब्रिगेड समेत तमाम मराठा संगठनों ने राज्यपाल के बयान के खिलाफ राज्य की सांस्कृतिक राजधानी माने जाने वाली पुणे में बंद बुलाया है।
Pune Strike: महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के बयानों से गरमाई हुई है। मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर मराठा संगठन भड़के हुए हैं। संभाजी ब्रिगेड समेत तमाम मराठा संगठनों ने राज्यपाल के बयान के खिलाफ राज्य की सांस्कृतिक राजधानी माने जाने वाली पुणे में बंद बुलाया है। इस मौके पर शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर एक मौन मार्च निकाला जाएगा। सामाजिक संगठनों के विरोध को एनसीपी और शिवसेना जैसी राजनीतिक पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है।
3 बजे तक बंद रहेंगी दुकानें
पुणे में मंगलवार को तीन बजे तक सभी दुकानें और दफ्तर बंद रहेंगे। हालांकि, इस दौरान दवा की दुकानें खुली रहेंगी। पुणे के व्यापारिक संगठन ने भी बंद का समर्थन किया है। फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ पुणे (FATP) ने राज्यपाल कोश्यारी के बयान की निंदा करते हुए व्यापारियों से बंद को सफल बनाने की अपील की है। बंद के दौरान मेडिकल शॉप के अलावा सीएनजी और पेट्रोल पंप खुले रहेंगे। शहर में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है।
कोश्यारी के किस बयान पर मचा है बवाल
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 19 नवंबर को औरंगाबाद विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज को पुराने दिनों का आइकॉन बता दिया था। कोश्यारी यहीं नहीं रूके उन्होंने भरी सभा में बाबासाहेब आंबेडकर और नितिन गडकरी को आज का आइकॉन बता दिया। इस दौरान मंच पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार भी मौजूद थे।
राज्यपाल के इस बयान पर बवाल मच गया। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि राज्य में गवर्नर की गरिमा समाप्त हो चुकी है। हम उन्हें राज्यपाल मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने महाराष्ट्र का मजाक बना दिया। विरोध के स्वर शिंदे कैंप से भी सुनाई देने लगे। शिंदे गुट के शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने राज्यपाल को हटाने की मांग कर दी।
शाह को कोश्यारी ने लिखी थी चिट्ठी
महाराष्ट्र के राज्यपाल को डिफेंड करना राज्य में बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। भगत सिंह कोश्यारी ने 6 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्टी लिखकर मार्गदर्शन मांगा था। उन्होंने गृहमंत्री से सलाह मांगी कि उन्हें इस पद पर बने रहना है या नहीं। कोश्यारी ने लिखा- मार्गदर्शन कीजिए, आप ही के कहने पर राज्यपाल का पद स्वीकारा था।
बता दें कि भगतसिंह कोश्यारी का बतौर राज्यपाल अब तक का कार्यकाल बेहद विवादित रहा है। महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान हर दिन किसी न किसी मुद्दे पर राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव की खबरें आती रहती थीं। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद भी उनसे जुड़ा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।