Qatar-India: अब क्या होगा कतर में कैद भारतीयों का? क्या हैं भारत के पास विकल्प?

Qatar: भारत और कतर के बीच संबंधों की बात करें तो दोनों देशों के बीच दशकों से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। भारत ने इस सजा पर हैरानी और दुःख जताया है और कहा है कि वह इस मामले में दखल देगा और आठों आरोपितों के हितों की रक्षा करेगा।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-10-27 19:07 IST

Former Indian Navy Officers in qatar (Photo: Social Media) 

How India save Indian Navy Officers:  कतर की एक अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मी - कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश को जासूसी के आरोप में सजा-ए-मौत सुनाई है। ये आठों लोग एक डिफेन्स सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ‘जसूई - अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज’ में काम कर रहे थे। भारत ने इस सजा पर हैरानी और दुःख जताया है और कहा है कि वह इस मामले में दखल देगा और आठों आरोपितों के हितों की रक्षा करेगा।

जिस कंपनी के लिए ये आठों लोग काम कर रहे थे उस कंपनी का स्वामित्व ओमानी नागरिक खामिस अल-अजमी के पास है, जो रॉयल ओमान वायु सेना के सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर हैं। इस शख्स को भी आठ भारतीयों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नवंबर 2022 में उसे रिहा कर दिया गया।

क्या क्या हैं विकल्प?

- भारत और कतर के बीच संबंधों की बात करें तो दोनों देशों के बीच दशकों से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। नवंबर 2008 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कतर यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी और उसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते में सुधार हुआ है।

- कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने 2015 में भारत का दौरा किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2016 में कतर गए।

- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कम से कम तीन मौकों पर देश का दौरा किया है। दिवंगत सुषमा स्वराज 2018 में कतर का दौरा करने वाली पहली भारतीय विदेश मंत्री बनीं।

- 2021 में भारत कतर के लिए शीर्ष चार निर्यात स्थलों में से एक था; यह कतर के आयात के शीर्ष तीन स्रोतों में से एक है। द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य 15 अरब डॉलर है, जिसमें ज्यादातर कतर से 13 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का एलएनजी और एलपीजी निर्यात है।

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- रक्षा सहयोग को आधिकारिक तौर पर भारतीय-कतर संबंधों के "स्तंभ" के रूप में वर्णित किया गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नवंबर 2008 की यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित भारत-कतर रक्षा सहयोग समझौता एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इस समझौते को 2018 में अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया था।

- भारतीय नौसेना और तटरक्षक जहाज नियमित रूप से कतर का दौरा करते हैं। क़तर नौसेना बालों के प्रतिनिधिमंडलों ने 2021 में भारत में दो समुद्री अभ्यासों में भाग लिया। ज़ैर अल बह्र नामक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास के दो संस्करण आयोजित किए गए हैं।

रिश्ते में चुनौतियाँ

- भारत-क़तर रिश्ते के लिए पहली बड़ी चुनौती जून 2022 में एक टीवी शो में भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर के अपमानजनक संदर्भों पर आई। विवाद बढ़ने के तुरंत बाद कतर आपत्ति जताने वाला और भारत से सार्वजनिक माफी की मांग करने वाला पहला देश था। भारतीय राजदूत को फटकार के लिए बुलाया गया था।

- आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को जेल भेजा जाना हाल के वर्षों की दूसरी बड़ी चुनौती है। इस मामले ने भारत को ऐसे देश में फंसा दिया है जहां 8,00,000 भारतीय रहते हैं और काम करते हैं। कतर में भारतीय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय हैं। पिछले साल इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम में क़तर का 210 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मॉरीशस के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल था।

- भारतीयों को मौत की सजा की खबर ऐसे वक्त आई है जब गाजा पर इजरायली बमबारी को लेकर मध्य पूर्व में उबाल है। कतर फिलिस्तीनियों के प्रति गहरी सहानुभूति रखता है और उसने गाजा में हमास की कैद से दो अमेरिकी बंधकों की रिहाई में मध्यस्थता की है। कहा जाता है कि क़तर क्षेत्रीय मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा है।

क्या कदम उठा सकता है भारत

- पहले कदम के तहत भारत कतर के न्यायिक सिस्टम के अंतर्गत ऊपरी अदालत में अपील कर सकता है। अगर क़तर में अपील की प्रक्रिया उपलब्ध नहीं है तो भारत अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल कर सकता है। सरकार मृत्युदंड को रोकने के लिए राजनयिक दबाव का भी उपयोग कर सकती है। गैर सरकारी संगठन और नागरिक समाज इस मुद्दे को वैश्विक स्तर पर उठा सकते हैं और संयुक्त राष्ट्र का दबाव भी लिया जा सकता है।

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