पुण्यतिथि विशेष: भारत के 8वें राष्ट्रपति वेंकटरमण, जानिए जीवन से जुड़ी बड़ी बातें

भारत के आठवें राष्ट्रपति रामस्वामी वेंकटरमन की आज यानी 27 जनवरी को पुण्यतिथि है। उनका जन्म 4 दिसंबर, 1910 में तमिलनाडु में तंजौर के निकट पट्टुकोट्टय में हुआ था। आर.वेंकटरमण की अधिकतर शिक्षा-दीक्षा चेन्नई में ही संपन्न हुई।

Update: 2021-01-27 06:46 GMT
भारत के 8वें राष्ट्रपति वेंकटरमण की पुण्यतिथि, ऐसा था उनका राजनैतिक सफर

नई दिल्ली: भारत के आठवें राष्ट्रपति रामस्वामी वेंकटरमन की आज यानी 27 जनवरी को पुण्यतिथि है। उनका जन्म 4 दिसंबर, 1910 में तमिलनाडु में तंजौर के निकट पट्टुकोट्टय में हुआ था। आर.वेंकटरमण की अधिकतर शिक्षा-दीक्षा चेन्नई में ही संपन्न हुई। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और मद्रास के ही लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी की।

रामस्वामी वेंकटरमण एक भारतीय विधिवेत्ता, स्वाधीनता सैनानी, राजनेता और देश के आठवें राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वेंकटरमन करीब चार साल तक भारत के उपराष्ट्रपति भी रहे। राष्ट्रपति के तौर पर उनका कार्यकाल 25 जुलाई 1987 से 25 जुलाई 1992 तक का रहा। उनके निधन पर भारत ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया और गणतंत्र दिवस के बाद होने वाले ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सरीखे सभी समारोह रद कर दिए। आईये जानते हैं आर.वेंकटरमण से जुड़े कुछ किस्से....

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आर.वेंकटरमण का व्यक्तित्व

कानून के ज्ञाता भारत के आठवें राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन दक्षिण भारतीय श्रमिक संघी थे। वह एक व्यावहारिक व्यक्तित्व वाले इंसान थे। कानून की पढ़ाई समाप्त करने के तुरंत बाद ही वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए। कहा जाता है कि वह अपने कार्य और उत्तरदायित्वों के प्रति बेहद संजीदा रहा करते थे।

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रामस्वामी वेंकटरमण का राजनैतिक सफर

राष्ट्रपति बनने से पूर्व वेंकटरमन करीब चार साल तक भारत के उपराष्ट्रपति भी रहे। अगस्त 1984 में उन्हें भारत का उप राष्ट्रपति चुना गया। वेंकटरमण ने 4 प्रधानमंत्रियों का कार्यकाल देखा और इनमें से 3 को उन्होंने खुद शपथ दिलाई। 25 जुलाई 1987 को वे भारत के 8वें राष्ट्रपति चुने गए। लेकिन राजनीति में आने से पहले उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया।

मिसाइल प्रोग्राम शुरू कराया

वेंकटरमन की लंबी सियासी यात्रा रही। वो कांग्रेस के सदस्य थे। उन्होंने उपराष्ट्रपति से लेकर राष्ट्रपति तक की यात्रा तय की, लेकिन उनकी इमेज हमेशा बेदाग रही। कहा जाता है कि 80 के दशक में उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भरोसेमंद मंत्रियों में से एक थे। इतना ही नहीं उनके पास वित्त मंत्रालय से लेकर रक्षा मंत्रालय तक अहम महकमे रहे। उन्हें भारतीय मिसाइल कार्यक्रम को आगे बढाने वाला भी कहा जाता है। उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम को स्पेस प्रोग्राम से मिसाइल प्रोग्राम में शिफ्ट किया, ताकि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी में अपने पैरों पर खड़ा हो सके। इसके अलावा उन्हीं के रक्षा मंत्री रहते समेकित मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत हुई थी।

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गणतंत्र दिवस के एक दिन बाद हुई मृत्यु

98 वर्ष की आयु में 27 जनवरी, 2009 को एक लंबी बीमारी से जूझते हुए दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां कुछ दिन इलाज के बाद गणतंत्र दिवस के अगले ही दिन रामस्वामी वेंकटरमण का निधन हो गया।

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