Raghuram Rajan on Rahul Gandhi: पूर्व गवर्नर रघुराम राजन बोले, राहुल गांधी पप्पू नहीं बल्कि जिज्ञासु व्यक्ति

Davos 2023: राजन से जब राजनीति में जाने पर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा कि मेरा राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं हैं।

Written By :  Viren Singh
Update: 2023-01-19 06:07 GMT

Davos 2023 (सोशल मीडिया) 

Davos 2023: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी की प्रशंसा की है और राजनीतिक दल की ओर से गढ़ी गई गांधी की पप्पू वाली छवि का दुर्भाग्यपूर्ण करार किया। पूर्व गवर्नर राजन ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक "बुद्धिमान व्यक्ति" थे और उनकी "पप्पू" छवि दुर्भाग्यपूर्ण थी। आगे उन्होंने कहा कि प्राथमिकताओं और बुनियादी जोखिमों के मूल्यांकन की भावना होना आवश्यक है और गांधी ऐसा कर सकते हैं।

गांधी की यह छवि है दुर्भाग्यपूर्ण 

स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित हो रहा वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) समिट 2023 के मौके पर बिजनेस टुडे के कार्यकारी निदेशक राहुल कंवल के साथ संवाद करते हुए आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने यह बात कही। राजन के कहा कि "मुझे लगता है कि राहुल गांधी की यह छवि दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने उनके साथ कई मोर्चों पर बातचीत करते हुए करीब एक दशक बिताया है। वह किसी भी तरह से 'पप्पू' नहीं हैं। वह एक स्मार्ट, युवा, जिज्ञासु व्यक्ति है।

राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं

उन्होंने आगे उल्लेख किया कि वह राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा पर चले थे क्योंकि वह यात्रा के मूल्यों के लिए खड़े हैं। इस दौरान राजन से जब राजनीति में जाने पर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा कि मेरा राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं हैं।

मैंने मनमोहन सरकार की भी आलोचान की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा सत्तारूढ़ व्यवस्था की आर्थिक नीतियों की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर राजन ने बचाव किया है। आगे उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ राजग सरकार की आलोचना नहीं की है बल्कि आर्थिक नीतियों के मामलें पर मैं मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की भी आलोचना कर चुका हूं।

निर्मला सीतारमण पर साधा निशाना

राजन ने 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन जैसे नीतिगत उपायों के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की है। इस साक्षात्कार के दौरान, राजन ने यह भी कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हाथों में एक कठिन काम था और "नौकरी करने वाले लोगों" को रैंकिंग जारी करना उनका काम नहीं था।

उन्होंने कहा, "मैं रैंक नहीं करूंगा। मैंने ऐसा कभी नहीं किया। उसके पास एक कठिन काम है और वह एक कठिन काम कर रही है और यह मेरे लिए नहीं है कि मैं नौकरी करने वाले लोगों को रैंकिंग दूं। आपको बता दें कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर पद से हाटने के बाद राघुराम राजन दोबारा शिक्षा की ओर लौटे गए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई के गवर्नर पद के लिए राजन को विस्तार भी मिलने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन उन्होंने पहले ही इससे लेने से मना करते हुए अध्यन के क्षेत्र में लौटने की मंशा जाहिर कर दी थी।

महामारी के बाद लोग नौकरी से रहे जूझ 

राजन मौजूदा समय शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे हैं। राजन विश्वविद्यालय के वित्त के कैथरीन दुसाक मिलर विशिष्ट सेवा प्रोफेसर पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद से भारत के निम्न मध्यम वर्ग का तबका नौकरियों की कमी और छोटे और मध्यम उद्यमों के अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण चिंतित है।

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