सींग लगाकर राहुल ने लगाए ठुमके और फिर पीएम मोदी पर साधा निशाना
नृत्य महोत्सव का माहौल देखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी खुद को नहीं रोक सके और मंच पर जमकर थिरकते नजर आए। इस दौरान उन्होंने बाकायदा पारंपरिक टोपी पहनी और मान्दर नामक वाद्ययंत्र बजाया।
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 27 से 29 दिसंबर तक चलने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आगाज हो चुका है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने किया।
नृत्य महोत्सव का माहौल देखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी खुद को नहीं रोक सके और मंच पर जमकर थिरकते नजर आए। इस दौरान उन्होंने बाकायदा पारंपरिक टोपी पहनी और मान्दर नामक वाद्ययंत्र बजाया। राहुल के थिरकने के साथ ही पूरे मैदान में उनके नाम के नारे लगे। नृत्य में राहुल गांधी का साथ सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने भी साथ दिया।
हर वर्ग के लिए काम कर रही है राज्य सरकार
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद सांसद राहुल गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार हर वर्ग के लिए काम कर रही है, आदिवासी और गरीबों पर इनका फोकस है। इसके लिए भूपेश बघेल सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण आज देश के कई राज्य जल रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ शांत है। इससे साबित होता है कि प्रदेश सरकार कितना अच्छा काम कर रही है।
— Congress (@INCIndia) December 27, 2019
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि..
सीएम भूपेश बघेल ने आदिवासी नृत्य महोत्सव में कहा कि राहुल गांधी के निर्देश के अनुसार ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार काम कर ही है। कार्यक्रम से निकलते वक्त मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने सरकार पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी भी गरीबों के ऊपर टैक्स था। गरीब लोग पूछ रहे हैं कि उन्हें नौकरियां कैसे मिलेंगी। इससे पहले उन्होंने बिना नाम लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाई को भाई से लड़ाकर विकास नहीं हो सकता है।
राहुल ने मोदी सरकार पर बोला हमला
राहुल ने कहा कि किसानों की आत्महत्या, अर्थव्यवस्था की सेहत, बेरोजगारी के बारे में आपको सब पता है। आदिवासी और पिछड़ों को शामिल किए बिना हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था नहीं सुधारी जा सकती है। हमें सभी को जोड़कर चलना होगा।
भारत की अर्थव्यवस्था सभी धर्मों और जातियों के लोगों को साथ लिए बिना नहीं चल सकती। जब तक हर भारतीय की आवाज को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में नहीं सुना जाता, तब तक बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर कुछ नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि चाहे एनआरसी हो या फिर एनपीआर, यह गरीब के लिए टैक्स है। नोटबंदी गरीब के ऊपर टैक्स था। यह गरीब लोगों पर हमला है। अब गरीब लोग पूछ रहे हैं कि उन्हें नौकरियां कैसे मिलेंगी?'