मोदी का कौन सा वादा याद दिलाकर राहुल गांधी बता रहे हैं उन्हें किसानों को जड़ से साफ करने वाला
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि विधेयकों को लेकर लगातार हमलावर कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब मोदी को उन वादों की याद दिला रहे हैं जो उन्होंने 2014 में चुनाव लड़ने के दौरान किसानों से किए थे।
लखनऊ: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि विधेयकों को लेकर लगातार हमलावर कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब मोदी को उन वादों की याद दिला रहे हैं जो उन्होंने 2014 में चुनाव लड़ने के दौरान किसानों से किए थे। मोदी के वादों और काम में अंतर दिखा रहे राहुल अब इसी आधार पर मोदी को किसान विरोधी साबित करने पर तुल गए हैं। उनके इस अभियान में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं।
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कांग्रेस के भाई-बहन की जोड़ी ने क्या भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी को किसानों के मुद्दे पर घेर लिया है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। मंगलवार को भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बारी-बारी प्रधानमंत्री और भाजपा पर निशाना साधा।
किस तरह धीरे-धीरे पीएम किसान विरोधी और पूंजीपतियों के मित्र बनते चले गए
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी में नरेंद्र मोदी को किसानों के साथ धोखा करने वाला नेता करार देने में कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने प्रधानमंत्री के सात साल पुराने चुनावी भाषण और वादों की याद दिलाते हुए बताया कि किस तरह धीरे-धीरे वह किसान विरोधी और पूंजीपतियों के मित्र बनते चले गए। उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री ने किसानों से स्वामीनाथ कमीशन की सिफारिशों के आधार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वादा किया लेकिन 2015 में जब उनकी केंद्र में सरकार बन चुकी थी और वह प्रधानमंत्री तो उनकी सरकार ने अदालत में कहा कि ऐसा कर पाना संभव नहीं है।
राहुल गांधी ने अपने बयान के साथ नारा भी जोड़ा है
इसकी परिणति 2020 में हुई जब उन्होंने किसानों के तीन ऐसे कानून संसद से पास करा लिए जो कृषि क्षेत्र के लिए काला कानून हैं। उन्होंने खुला आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्रों का विकास करने के लिए किसानों को पूरी तरह से साफ करने का काम कर रही है। राहुल गांधी ने अपने बयान के साथ नारा भी जोड़ा है।
मोदी जी की नीयत 'साफ़'
कृषि-विरोधी नया प्रयास
किसानों को करके जड़ से साफ़
पूँजीपति 'मित्रों' का ख़ूब विकास।
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मोदी सरकार पर हमले का दूसरा छोर संभालते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी मंगलवार को ट्वीट किया कि अगर मोदी सरकार का यह बिल किसान हितैषी हैं तो न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र कानून में क्यों नहीं है? बिल में क्यों नहीं लिखा है कि सरकार पूरी तरह से किसानों का संरक्षण करेगी? सरकार ने किसान हितैषी मंडियों का नेटवर्क बढ़ाने की बात बिल में क्यों नहीं लिखी है? अपनी बात के अंत में उन्होंने ऐलान किया है कि सरकार को किसानों की मांगों सुनना पड़ेगा।
अखिलेश तिवारी
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