इस दिन होगी राहुल गांधी की ताजपोशी, कांग्रेस के अध्यक्ष बन जायेंगे

सबकुछ तय कार्यक्रम के अनुसार चलता रहा तो इस पांच दिसम्बर को राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बन जायेंगे। देश के अब तक इस पार्टी के सात लोग

Update: 2017-11-21 06:39 GMT
इस दिन होगी राहुल गांधी की ताजपोशी, कांग्रेस के अध्यक्ष बन जायेंगे

लखनऊ/नईदिल्ली: सबकुछ तय कार्यक्रम के अनुसार चलता रहा तो इस पांच दिसम्बर को राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बन जायेंगे। देश के अब तक इस पार्टी के सात लोग प्रधानमंत्री पद पर रह चुके हैं जिनमें से सर्वाधिक समय तक सत्ता में रहने वाले तीन लोग राहुल गांधी के अपने परिवार के रहे हैं। राहुल गांधी अभी इस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और इनकी माता श्रीमती सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की चेयरपर्सन हैं।

यह वही कांग्रेस है जिसकी स्थापना 72 प्रतिनिधियों की उपस्थिति के साथ 28 दिसम्बर 1885 को बॉम्बे के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में हुई थी। इसके संस्थापक महासचिव (जनरल सेक्रेटरी) ए ओ ह्यूम थे।उन्होंने ही कलकत्ते के व्योमेश चन्द्र बनर्जी को अध्यक्ष नियुक्त किया था। अपने शुरुआती दिनों में कांग्रेस का दृष्टिकोण एक कुलीन वर्ग की संस्था का था। इसके शुरुआती सदस्य मुख्य रूप से बॉम्बे और मद्रास प्रेसीडेंसी से लिये गये थे। कांग्रेस में स्वराज का लक्ष्य सबसे पहले बाल गंगाधर तिलकने अपनाया था।

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थोड़ी नजर इतिहास पर डालें तो पता चलता है कि इसकी स्थापना के 22 साल के भीतर ही इसमें काफी मतिभिन्नता आ गयी थी। इतिहास के मुताबिक 1907 में कांग्रेस में दो दल बन चुके थे - गरम दल एवं नरम दल। गरम दल का नेतृत्व बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय एवं बिपिन चंद्र पाल (जिन्हें लाल-बाल-पाल भी कहा जाता है) कर रहे थे। नरम दल का नेतृत्व गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोजशाह मेहता एवं दादा भाई नौरोजी कर रहे थे। गरम दल पूर्ण स्वराज की मांग कर रहा था परन्तु नरम दल ब्रिटिश राज में स्वशासन चाहता था। प्रथम विश्व युद्ध के छिड़ने के बाद सन् 1916 की लखनऊ बैठक में दोनों दल फिर एक हो गये और होम रूल आंदोलन की शुरुआत हुई जिसके तहत ब्रिटिश राज में भारत के लिये अधिराजकिय पद (अर्थात डोमिनियन स्टेटस) की माँग की गयी। बहार हल यह तो इतिहास की बात हो गयी लेकिन अब इसके वर्त्तमान स्वरुप पर नजर डालते हैं।

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दरअसल राहुल गांधी को लेकर लम्बे समय से पार्टी में चर्चा होती रही है। वर्त्तमान अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी का स्वास्थ्य ठीक न रहने के कारण भी इस पद पर राहुल या प्रियंका को लाने की मांग पार्टी में हो रही थी। अब पार्टी ने बाकायदा चुनाव कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है। अध्यक्ष के चुनाव के कार्यक्रम पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने भी मुहर लगा दी है। चुनाव की प्रक्रिया एक दिसंबर से शुरू होगी। इससे गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हाथ में कांग्रेस की कमान आने का रास्ता साफ हो गया है।

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कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकार के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए अधिसूचना एक दिसंबर को जारी की जाएगी और इस दिन से उम्मीदवार नामांकन दाखिल करना शुरू कर सकते हैं। नामांकन की आखिरी तारीख चार दिसंबर (अपराह्न तीन बजे तक) होगी। पांच दिसंबर को नामांकन पत्रों की छंटनी के बाद इसी दिन अपराह्न साढ़े तीन बजे तक वैध नामांकनों की सूची घोषित कर दी जाएगी। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी के एकमात्र उम्मीदवार होने की संभावना है और इसी दिन यानी पांच दिसंबर को ही अगले पार्टी अध्यक्ष के रूप में उनके नाम का ऐलान हो सकता है।

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इस तरह नौ और 14 दिसंबर को दो चरणों में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावना है। हालांकि कांग्रेस के चुनाव कार्यक्रम के अनुसार पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 11 दिसंबर (अपराह्न तीन बजे तक) है और अंतिम सूची इसी दिन शाम चार बजे तक जारी कर दी जाएगी। हालांकि कोई संभावना नहीं है फिर भी आवश्यकता पड़ने पर मतदान 16 दिसंबर को होगा। यदि मतदान हुआ तो मतगणना के बाद परिणाम की घोषणा 19 दिसंबर को की जाएगी।

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