नई दिल्ली: ट्रेन से यात्रा के दौरान आईआरसीटीसी की ओर से दिए जाने वाले खाने पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। ऐसी ही एक खबर बीते शुक्रवार को फिर से सामने आयी। दरअसल शेषाद्री एक्सप्रेस में सफर करने वाले एक यात्री ने दावा किया है कि उसने खाने के लिए बिरयानी मंगाई थी, जिसमें मरी हुई मकड़ी निकली। यात्री ने मामले की शिकायत रेल मंत्रालय से भी की है।
बिरयानी में मकड़ी मिलने का किया दावा
मितेश सुराणा नाम के एक व्यक्ति ने ट्वीट कर कहा है कि हमने बिरयानी मंगायी थी, लेकिन जैसे ही खाना शुरू किया तो उसमें मकड़ी नजर आई।' यात्री ने बिरयानी की तस्वीर ट्वीट करते हुए रेल मंत्रालय, रेल मंत्री पीयूष गोयल और आईआरसीटीसी को टैग किया। हालांकि शिकायत करने के तुरंत बाद ही रेल मंत्रालय ने खेद जताते हुए मितेश से पूरी जानकारी मांगी।
बता दें कि रेलवे सेवा को लेकर अक्सर यात्री कुछ न कुछ शिकायत करते रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों से रेलवे की खानपान सेवा में कई सुधार हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी आए दिन कुछ न कुछ शिकायत जरूर आती रहती हैं। खासकर प्रीमियम श्रेणी की राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों में अक्सर परोसे गए खाने में यात्री फूड पॉयजनिंग के शिकार होते रहे हैं।
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गौरतलब है कैटरिंग सर्विस को सबसे पहले साल 2005 में आईआरसीटीसी को दिया गया था। कुछ साल बाद आईआरसीटीसी से वापस लेकर जोनल रेलवे को दे दिया गया था। बाद में एक बार फिर उसे आईआरसीटीसी को दे दिया गया।
वहीँ जानकारों का कहना है कि रेलवे ने खाने का जिम्मा जब से निजी हाथों में सौंपा है तब से खाने कि क्वालिटी में लगातार गिरावट आयी है। जबकि रेलवे ने भोजन व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपते समय दलील थी कि इससे भोजन की क्वॉलिटी सुधरेगी और कमजोर वर्ग को काम भी मिलेगा।
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