Rajasthan Election 2023:राजस्थान में रिवाज बदलेगा या राज, कांग्रेस और भाजपा दोनों ने किया जीत का दावा, दोनों दलों में फंसेगा सीएम को लेकर पेंच

Rajasthan Election 2023 : भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के दिग्गज नेताओं ने आज वोटिंग के बाद अपने-अपने दलों की जीत के दावे किए। दोनों दलों के नेताओं ने दावा किया कि इस बार के चुनाव में उन्हें बहुमत हासिल होगा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-11-25 11:06 IST

वसुंधरा राजे, अशोक गहलोत,सचिन पायलट  (photo: social media )

Rajasthan Election 2023: राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों दलों की ओर से जीत के दावे किए जा रहे हैं। राजस्थान में पिछले करीब तीन दशक से हर पांच साल में सरकार बदलने का रिवाज रहा है। ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि इस बार यह रिवाज बदलेगा या फिर राज बदलेगा। इस बात का फैसला करने के लिए आज मतदाताओं में वोटिंग के प्रति भारी उत्साह दिख रहा है। राज्य की 199 सीटों पर मतदान के बाद तीन दिसंबर को राज्य के चुनावी नतीजे का ऐलान किया जाएगा।

वैसे भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के दिग्गज नेताओं ने आज वोटिंग के बाद अपने-अपने दलों की जीत के दावे किए। दोनों दलों के नेताओं ने दावा किया कि इस बार के चुनाव में उन्हें बहुमत हासिल होगा। वैसे चुनावी नतीजे की घोषणा के बाद दोनों दलों में सीएम पद को लेकर पेंच फंसना तय माना जा रहा है। भाजपा पीएम मोदी के नाम पर चुनाव मैदान में उतरी है मगर पार्टी में सीएम पद के कई दावेदार हैं। कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच फिर टकराव तय माना जा रहा है। वैसे दोनों नेताओं ने आज कहा कि हाईकमान ही इस बात आखिरी फैसला लेगा।

Rajasthan Elections 2023 : पूरे प्रदेश की नजर इन हॉट सीटों पर, जानिए किसका है किससे मुकाबला

गहलोत ने फिर किया कांग्रेस की जीत का दावा

मतदान के बाद आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को जीत मिलना तय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जीत के बाद पार्टी के नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस बात का फैसला करेंगे कि राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी मेरे लिए जो भी भूमिका तय करेगी, वह मुझे मंजूर होगी।

वैसे सियासी जानकारी का मानना है कि यह बयान पार्टी में एकजुटता दिखाने के लिए दिया गया है क्योंकि विधानसभा चुनाव से पूर्व गहलोत ने मुख्यमंत्री पद के लिए एक बार फिर अपनी दावेदारी पेश की थी। उनका कहना था कि जब राजस्थान के मतदाता मेरे नाम पर कांग्रेस को वोट देंगे तो फिर मैं मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी कैसे छोड़ सकता हूं।


इस बार के चुनाव के दौरान गहलोत अपने काफी समर्थकों को टिकट दिलाने में भी कामयाब हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस की जीत की स्थिति में वे मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। उनके समर्थक इस बाबत खुलकर बयान भी देते रहे हैं।

सचिन बोले-हाईकमान करेगा सीएम पद का फैसला

इस बीच राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कई मौकों पर गहलोत को सीधी चुनौती देने वाले सचिन पायलट का कहना है कि राजस्थान में हम सभी मिलकर चुनावी अखाड़े में उतरे हैं और पब्लिक को इस बात की पूरी जानकारी है कि किसने काम किया है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की पोस्टर में किसका चेहरा बड़ा है और फोटो किसकी लगी हुई है। चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद हाईकमान की ओर से ही राज्य के मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला किया जाएगा।

Rajasthan Election 2023: गुर्जर वोट बैंक के लिए तीखी जंग, पीएम मोदी ने बार-बार किया पायलट का जिक्र, पूर्वी राजस्थान पर भाजपा की निगाहें

यहां उल्लेखनीय है कि राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस के पोस्टर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत छाए रहे और इसे लेकर सचिन समर्थकों में नाराजगी भी दिखी है। उन्होंने इस बाबत दिल्ली तक अपनी शिकायत भी पहुंचाई थी। ऐसे में सचिन पायलट का पोस्टर संबंधी बयान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर इशारा माना जा रहा है।


पिछले चुनाव के बाद भी फंस गया था पेंच

पिछले चुनाव के बाद भी गहलोत और सचिन के बीच सीएम का फैसला करने में कांग्रेस हाईकमान के पसीने छूट गए थे। काफी मशक्कत के बाद मुख्यमंत्री के रूप में गहलोत और डिप्टी सीएम के रूप में सचिन पायलट का नाम तय किया गया था। हालांकि उसके बाद दोनों नेताओं में जबर्दस्त खींचतान दिखी और सचिन ने डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा देकर बागी तेवर अपना लिए थे। गहलोत और सचिन पायलट ने एक-दूसरे के खिलाफ तल्ख बयानबाजी भी की थी।

जोशी का दावा-भाजपा को मिलेगी जीत

दूसरी ओर भाजपा की ओर से भी इस बार बड़ी जीत मिलने का दावा किया जा रहा है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने का दावा किया था। चित्तौड़गढ़ में आज वोटिंग के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद सीपी जोशी ने भी भाजपा को बहुमत मिलने का दावा किया।


उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने प्रदेश में बदलाव का मूड बना लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न इलाकों का दौरा करने के बाद मुझे इस बात का स्पष्ट एहसास है कि इस बार भाजपा को सत्ता हासिल होगी। चुनावी बयार से स्पष्ट है कि इस बार भाजपा आएगी और कांग्रेस जाएगी।

Rajasthan Election 2023: राजस्थान के लोग कांग्रेस को विदाई देने के मूड में, अमित शाह का प्रचंड बहुमत का दावा, अब जनता जादूगर बनकर करेगी गहलोत को गायब

पूनिया ने बताए कांग्रेस की हार के कारण

भाजपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने झोटवाड़ा में बने पोलिंग बूथ पर वोट डालने के बाद कहा कि इस बार भी राजस्थान में रिवाज कायम रहेगा और राज्य की सत्ता बदलेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने पिछले 5 साल के राज में कोई काम नहीं किया है और इसलिए राज्य की जनता कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति, कर्ज माफी में किसानों के साथ धोखा और कानून व्यवस्था के मोर्चे पर गहलोत सरकार की विफलता कांग्रेस की हार के बड़े कारण बन सकते हैं। पूनिया ने दावा किया कि राज्य की जनता बदलाव के मूड में दिख रही है और ऐसे में भाजपा का सत्ता में आना तय है।


भाजपा में भी सीएम पद के कई दावेदार

वैसे यदि राजस्थान में रिवाज कायम रहा और भाजपा को सत्ता मिली तो भाजपा में भी सीएम पद का फैसला करना आसान नहीं होगा। राजस्थान में इस बार भाजपा ने पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा है मगर पार्टी में सीएम पद के लिए कई दावेदारों का नाम चर्चाओं में छाया हुआ है। सीएम पद का चेहरा न बनाए जाने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी दावेदारी छोडने के लिए तैयार नहीं है। उनके समर्थकों की ओर से समय-समय पर उनका नाम भावी सीम के रूप में उछाला जाता रहा है।

दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की निगाहें भी भाजपा की जीत की स्थिति में सीएम की कुर्सी पर लगी हुई हैं। नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया और राजकुमारी दिया कुमारी का नाम भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में लिया जा रहा है। ऐसे में भाजपा की जीत की स्थिति में सीएम पद के को लेकर पेंच फंसना तय माना जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में जिसे भी जीत हासिल हो मगर मुख्यमंत्री पद का पेंच सुलझाना आसान नहीं होगा।

Tags:    

Similar News