Asaram: यौन शोषण मामले में सजा काट रहे आसाराम को मिली पैरोल, राजस्थान हाईकोर्ट ने दी 17 दिन की मंजूरी
आसाराम को पुणे को इलाज कराने के लिये मिली पैरोल, एयरलिफ्ट कर ले जाया जायेगा पुणे, किसी को मिलने की नहीं होगी अनुमति;
Asaram: यौन शोषण मामले में आजीवन कारवास की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को 17 दिन की पैरोल दी है। आसाराम ने अपने वकील के जरिये कोर्ट में पैरोल के लिये याचिका डाली थी। कोर्ट की ओर से पुलिस को पैरोल की सारी शर्तें सही से लागू करने के भी आदेश दिये हैं। आसाराम को एयरलिफ्ट कर पुणे के माधवबाग अस्पताल ले जाया जायेगा। न्यायाधीश विनीत माथुर और न्यायाधीश दिनेश मेहता की विशेष खंडपीठ ने पैरोकार रामचंद्र भट्ट के आवेदन पर वकील आरएस सलूजा और यशपाल राजपुरोहित की दलीलों के बाद इलाज के लिए छूट प्रदान करने की मंजूरी दी है।
इन शर्तों पर मिली जमानत
कोर्ट ने आदेश दिया कि आसाराम के इलाज के लिए एक विशेष उपचार कक्ष तैयार किया जाएगा, जहां 24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, आसाराम के अनुयायियों को माधवबाग अस्पताल के पांच किलोमीटर के दायरे में इकट्ठा होने से मना किया गया है। प्रेस और मीडिया को अस्पताल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। कोई भी व्यक्ति या आगंतुक आसाराम से मिलने के लिए प्रवेश नहीं कर सकेगा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि आसाराम को आने-जाने और संबंधित सभी खर्चे स्वयं वहन करने होंगे।
पिछले 11 सालों से जेल में बंद
आसाराम दो गंभीर अपराधों में सजा भुगत रहा है। पहला मामला 2013 का है, जब जोधपुर पुलिस ने आसाराम को इंदौर के एक आश्रम से नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया था। लंबी सुनवाई के बाद, 2018 में उन्हें पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
दूसरा मामला गुजरात के गांधीनगर स्थित उनके आश्रम से जुड़ा है, जहां एक महिला अनुयायी ने आसाराम के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाया था। सूरत की एक पीड़िता ने 2013 में दावा किया था कि आसाराम ने आश्रम में उसके साथ कई बार बलात्कार किया। गांधीनगर कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद जनवरी 2023 में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।