राजस्थान इलेक्शन: ये 4 कारण कांग्रेस के लिए ला सकते हैं खुशी की खबर

Update: 2018-11-14 12:29 GMT

जयपुर : राजस्थान में मतदान से पहले सत्ताधारी बीजेपी में घमासान मचा हुआ है इससे कांग्रेस के मन में लड्डू फूट रहे हैं। उसे उम्मीद है कि बीजेपी नेता आपसी लड़ाई में अपना चुनाव खराब करेंगे और इसका सीधा फायदा उसे मिलेगा। कांग्रेस ऐसा कैसे सोच सकती है उसकी कुछ ठोस वजह हैं, वो हम बताते हैं।

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बीजेपी का घमासान

बीजेपी के भीतर चल रही कलह को समझने के लिए सिर्फ ये नारा ही काफी है ‘मोदी तुझसे बैर नहीं, रानी तेरी खैर नहीं’।

सर्वे

सभी सर्वे वसुंधरा राजे सिंधिया की विदाई दिखा रहे हैं। राज्य की 200 सीटों पर बीजेपी को 41 फीसदी वोट मिलने के आसार जताए जा रहे हैं जबकि कांग्रेस को 45 फीसदी वोट मिलने का आंकलन है। सीटों की बात करें तो कांग्रेस को 110 और सत्ताधारी बीजेपी को 84 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है।

कांग्रेस में गुटबाजी को हवा ना मिलना

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब अपने करीबी सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष बना पूर्व सीएम अशोक गहलोत की मदद के लिए भेजा तो पहले गुटबंदी सामने आई लेकिन सोनिया गांधी के मामला संभालने के बाद दोनों नेता शांति से चुनाव पर ध्यान देने लगे। इससे कार्यकर्ताओं में जोश भरा और गांव देहातों में भी कांग्रेस सक्रीय नजर आने लगी है।

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सीएम वसुंधरा की लोकप्रियता अपने निचले स्तर पर

चुनाव पूर्व सर्वे में सामने आया है कि करीब 100 विधानसभा सीटों में 48 फीसदी वोटर्स सीएम वसुंधरा राजे से नाराज हैं। वोटर्स सीएम को अच्छा शासक नहीं मानते। सीएम की छवि जनता के बीच में मोलभाव करने वाले नेता की बन गई है जी बीजेपी के लिए भी अच्छी नहीं है। मजे की बात ये है कि पीएम मोदी अभी भी खासे लोकप्रिय हैं लेकिन उनकी लोकप्रियता भी सीएम के लिए कोई खुशी लाने वाली नहीं है।

 

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