Rajiv Gandhi हत्याकांड के दोषियों में शामिल संथन की मौत, कोर्ट ने 23 बाद कर दिया था बरी

Rajiv Gandhi Assassination Case: उम्रकैद की सजा पाए संथन को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2022 में राजीव गांधी हत्याकांड में बरी कर दिया था, जिसके बाद वह जेल से बाहर आ सका।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2024-02-28 04:32 GMT

Rajiv Gandhi Assassination Case  (photo: social media )

Rajiv Gandhi Assassination Case: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी ठहराए गए श्रीलंकाई नागरिक संथन की मौत हो गई है। लंबे समय से बीमार चल रहे संथन का इलाज चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल में चल रहा था, जहां बुधवार सुबह उसने अंतिम सांस ली। उम्रकैद की सजा पाए संथन को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2022 में राजीव गांधी हत्याकांड में बरी कर दिया था, जिसके बाद वह जेल से बाहर आ सका। उसने 23 वर्ष जेल में बिताए थे।

राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल की ओर से जारी बयान में बताया गया कि संथन को लीवर से संबंधित बीमारियों के चलते भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान ही आज सुबह उसकी मौत हो गई। संथन समेत चार दोषियों को राजीव गांधी हत्याकांड में पहले फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिसे बाद में उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया था। 11 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी को बरी करते हुए रिहा करने का आदेश दिया था।

26 को मिली थी मौत की सजा

राजीव गांधी हत्याकांड में ट्रायल कोर्ट ने पहले 26 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, मई 1991 में सुप्रीम कोर्ट ने इनमें से 19 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। बचे हुए सात में चार अभियुक्तों नलिनी, मुरुगन उर्फ श्रीहरन, संथन और पेरारिवलन को मौत की सजा सुनाई गई और बाकी के तीन रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस को उम्रकैद की सजा मिली। चारों की दया याचिका पर तमिलनाडु के राज्यपाल ने नलिनी की मौत की सजा को उम्रकैद की सजा में तब्दील कर दी।

दरअसल, ऐसा सोनिया गांधी की अपील पर हुआ था। जिस वक्त नलिनी को गिरफ्तार किया गया था उस वक्त वह दो माह की गर्भवती थीं। सोनिया ने कहा था कि नलिनी की गलती की सजा एक मासूम को कैसे मिल सकती है, जो अब तक दुनिया में आई नहीं है।

बता दें कि 21 मई 1991 को राजीव गांधी तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लोकसभा चुनाव को लेकर एक रैली करने गए हुए थे। इसी दौरान श्रीलंकाई आतंकी संगठन लिट्टे के आत्मघाती हमलावर ने बम विस्फोट कर उनकी हत्या कर दी। इस घटना में राजीव और महिला हमलावर धनु समेत 16 लोगों की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।

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