Rajya Sabha Election Results: राहुल के अड़ियल रवैए से हारे अजय माकन, अब कुलदीप बिश्नोई के कदम पर निगाहें
Rajya Sabha Results 2022 : हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अजय माकन (Ajay Maken) को मिली करारी हार का जिम्मेदार कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) को ठहराया जा रहा है।
Rajya Sabha Election 2022 : हरियाणा के राज्यसभा चुनाव (Haryana Rajya Sabha Election) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी अजय माकन (Ajay Maken) की हार के बाद कांग्रेसी खेमे में सन्नाटा पसरा हुआ है। माकन की हार से पार्टी की जीत का जश्न भी पूरी तरह फीका पड़ गया है। हरियाणा में माकन की हार के लिए कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) को जिम्मेदार ठहराया गया है। वैसे जानकारों का कहना है कि माकन की हार में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अड़ियल रवैए की सबसे बड़ी भूमिका रही।
दरअसल राज्यसभा चुनाव में मतदान से पूर्व कुलदीप बिश्नोई ने कई बार राहुल गांधी से मुलाकात करके अपनी बात रखने का इरादा जाहिर किया था। कुछ कांग्रेसी नेता बिश्नोई की राहुल से मुलाकात मैनेज कराने में भी लगे थे मगर आखिरकार दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी और बिश्नोई ने मतदान के दौरान कांग्रेस को जबर्दस्त झटका दे दिया। अब कुलदीप के अगले कदम पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं क्योंकि भाजपा ने उन्हें पार्टी में आने का खुला न्योता दे दिया है।
कोशिश के बावजूद नहीं हो सकी मुलाकात
दरअसल हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई लंबे समय से नाराज चल रहे थे। हरियाणा कांग्रेस में इस समय पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा का पूरी तरह प्रभुत्व है और बिश्नोई की हुड्डा खेमे से पटरी नहीं बैठती। उन्होंने समय-समय पर पार्टी नेतृत्व तक उपेक्षा को लेकर अपनी नाराजगी की बात पहुंचाई थी। राज्यसभा चुनाव के मतदान से पहले भी उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात पर जोर दिया था। उनका कहना था कि वे विभिन्न मुद्दों पर राहुल गांधी से चर्चा करके अपनी बात नेतृत्व तक पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने कई दिनों तक राहुल गांधी के बुलावे का इंतजार भी किया मगर राहुल गांधी ने बिश्नोई से मुलाकात नहीं की। दूसरी ओर हुड्डा लगातार उन पर निशाना साधने में जुटा हुआ था। इस कारण बिश्नोई की नाराजगी और बढ़ गई और उन्होंने राज्यसभा चुनाव के मतदान में निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में मतदान कर दिया। उनका यह एक वोट अजय माकन की हार का बड़ा कारण बन गया।
कांग्रेस नेतृत्व ने नहीं दिखाई गंभीरता
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि बिश्नोई का रुख भांपने के बावजूद कांग्रेस नेतृत्व की ओर से उसे गंभीरता से नहीं लिया गया जिसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। कांग्रेस के नेताओं को भी हरियाणा कांग्रेस में चल रही गुटबाजी का बखूबी एहसास था। तभी हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले रणदीप सुरजेवाला ने राजस्थान से चुनाव लड़ने की समझदारी दिखाई। राजीव शुक्ला को भी हरियाणा से चुनाव लड़ने की बात सामने आई थी मगर उन्होंने भी किनारा कर लिया।
हालांकि राज्यसभा चुनाव के बाद पार्टी नेतृत्व की ओर से कार्रवाई करते हुए कुलदीप बिश्नोई को सभी पदों से हटाया जा चुका है मगर कुलदीप ने भी कांग्रेस नेतृत्व को जवाब दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस में कुछ नेताओं के लिए अलग नियम है। उन्होंने कहा कि यदि 2016 के राज्यसभा चुनाव के समय भी ऐसी कार्रवाई की गई होती तो इतना गंभीर संकट पैदा नहीं होता।
फिर भी विधायकों की एकजुटता का दावा
हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में इतना कांटे का मुकाबला था कि एक-एक वोट की बड़ी कीमत थी। हालांकि कांग्रेस खेमा काफी सतर्क और इसी कारण हरियाणा के सभी विधायकों को रायपुर स्थित रिसॉर्ट में भी भेजा गया था। इस दौरान राज्य कांग्रेस के नेता दीपेंद्र हुड्डा लगातार विधायकों के साथ बने रहे। दीपेंद्र हुड्डा का दावा है कि पार्टी विधायकों को पूरी तरह एकजुट कर रखने में कामयाब रही। उनका कहना है कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है मगर पार्टी विधायकों ने एकजुटता का बड़ा संदेश दिया है। वैसे उनके पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि यदि पार्टी पूरी तरह एकजुट रही तो फिर माकन को हार का सामना क्यों करना पड़ा।
अब कुलदीप के अगले कदम पर निगाहें
कुलदीप बिश्नोई के कार्तिकेय शर्मा के समर्थन में जाने के अलावा एक विधायक का वोट भी खारिज होने से कांग्रेस को झटका लगा है। कांग्रेस नेतृत्व अभी भी उस विधायक की तलाश में जुटा हुआ है जिसका वोट खारिज हुआ है। अब सबकी निगाहें कुलदीप बिश्नोई के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का खुला न्योता दे दिया है। खट्टर ने कहा कि यदि बिश्नोई भाजपा में आना चाहें तो उनका स्वागत है। अब भाजपा के इस ऑफर पर बिश्नोई के जवाब का इंतजार किया जा रहा है।